उदयपुर.विश्व आदिवासी दिवस आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर सरकार द्वारा आदिवासी कल्याण हेतु कई योजनाओं का शुभारंभ किया जा चुका है. लेकिन आज भी मेवाड़ का आदिवासी अंचल ऐसा है, जहां पर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं पहुंच पाई है.
हम बात कर रहे हैं उदयपुर जिले के अलसीगढ़ इलाके की जहां पर आज भी पीने का पानी लेने के लिए लोगों को कई कोसों दूर जाना पड़ रहा है. जिले के इस आदिवासी अंचल में पहाड़ियों पर घर बने हैं. ऐसे में सरकार द्वारा वहां पर ना तो हैंडपंप की व्यवस्था है और ना ही किसी तरह की पानी की लाइनें बिछी है. ऐसे में लोग अपने सिर पर रख पानी कई कोस दूर से नदी और नहर से भरकर लाते हैं.
उदयपुर जिले से लगभग 45 किलोमीटर दूर अलसीगढ़ में भी इसी तरह के हालात नजर आए, जहां पर भंवर मीणा और उनकी पत्नी प्रकाशी मीणा सिर पर पानी के मटके और हाथों में चरू पकड़ अपने घर पानी ले जा रहे थे. इससे साफ नजर आ रहा था कि आजादी के 73 साल बाद भी यहां पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है.