उदयपुर.लेक सिटी को निहारने के लिए हर साल देश दुनिया से हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के बाद अब गिनती के लोग भी उदयपुर नहीं आ रहे, जिसके चलते यहां का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है, जिसके चलते उदयपुर के बोटिंग व्यवसायियों की तो हालात दर से बदतर होने की कगार पर पहुंच गई है.
कोरोना के चलते पिछले कुछ महीनों से जहां शहर की प्रमुख झीलों में नाव का संचालन पूरी तरह से बंद हैं, तो वहीं सार-संभाल और कर्मचारियों की वेतन समेत अन्य खर्चों ने बोटिंग व्यवसाय की कमर तोड़ दी है. उदयपुर की फतेहसागर और पिछोला झील में नाव का संचालन करने वाले अशरफ खान बताते हैं कि मार्च से उदयपुर में नाव का संचालन बंद है और आगे पता नहीं सरकार कब हमें फिर से झीलों में नाव चलाने की अनुमति देगी.
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अशरफ खान का कहना है कि जहां कर्मचारियों का वेतन जेब से देना पड़ रहा है. वहीं मासिक शुल्क भी सरकारी पेटे में दिया जा रहा है. ऐसे में सरकार से बस अब यही मांग है कि इसमें कुछ रियायत दे और कोरोना वायरस गाइडलाइन के तहत जल्द से जल्द फिर से बोटिंग शुरू करने की अनुमति भी दे. खान बताते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद उदयपुर में जहां पहले सैकड़ों की संख्या में सैलानी आते थे. वहीं अब 40 से 50 लोग भी उदयपुर नहीं पहुंच रहे, जिससे यहां के प्रमुख पर्यटक स्थलों का खर्चा निकाल पाना भी मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में सरकार हमारी ओर भी ध्यान दे और हमें भी कुछ रियायत जारी करे.