उदयपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को उदयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा और मोदी सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला. हालांकि इस दौरान उनकी जुबान फिसल गई. सुरजेवाला ने कहा कि जैसे सीता मैया का चीरहरण हुआ था, वैसे ही वे (भाजपा) प्रजातंत्र का चीरहरण करना चाहते (Surjewala statement on Sita Mata) हैं.
सुरजेवाला का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लोगों का कहना है कि चीरहरण सीता मैया का नहीं, द्रोपदी का हुआ था. सीता मैया का तो रावण ने हरण किया था. लोग उनके इस बयान का मजाक भी बना रहे हैं और सोचकर बोलने की नसीहत देते भी नजर आ रहे हैं. ऐसा पहली बार नहीं है. कई बार राजनेताओं की जुबान फिसल जाती है और संदर्भ व अर्थ बदल जाता है. सुरजेवाला के बयान पर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने टवीट कर कहा कि,'चीरहरण सीता मैया का नहीं हुआ था, प्रजातंत्र का चीरहरण भी आपातकाल लगाकर, सैंकड़ों बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग कौरवों की भांति कांग्रेस ने ही किया है.'
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में प्रजातांत्रिक बहुमत की एक बार फिर जीत होगी. प्रजातंत्र का चीरहरण करने वाले लोग धनबल, सत्ताबल, ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स के भरोसे यहां आए हैं. इससे पहले भी भाजपा के लोगों को करारी शिकस्त मिली थी. राज्यसभा चुनाव में भी सच और संविधान जीतेगा. उन्होंने कहा कि जैसे सीता मैया का चीरहरण हुआ था. वैसे ही वे (भाजपा) प्रजातंत्र का चीरहरण करना चाहते हैं.
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किसानों को भाजपा ने दिया धोखा: सुरजेवाला ने कहा कि एक बार फिर केंद्र के मोदी सरकार ने खरीद फसलों के 2022-23 के समर्थन मूल्य घोषित करने की औपचारिकता पूरी कर अपनी जिम्मेदारियों से हाथ धो लिए हैं. क्योंकि जहां एक तरफ सरकार पर्याप्त मात्रा में फसल समर्थन मूल्य पर नहीं खरीद रही है. वहीं लागत बढ़ाकर किसानों की आमदनी को आधा कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से किसान परेशानी से जूझ रहा है.
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सुरजेवाला ने कहा अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने केंद्र की मोदी सरकार को लिखकर दिया कि इतनी लागत एमएसपी पर होनी चाहिए, लेकिन उसके बावजूद भी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. मोदी सरकार देश और प्रदेश के किसानों के साथ कुठाराघात कर रही है. भारतीय जनता पार्टी किसानों से छल-कपट कर रही है. केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए साल 2022-23 के समर्थन मूल्य के आंकड़ों से बिल्कुल साफ नजर आ रहा है इन्होंने फिर छल किया है.
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उन्होंने कहा कि आगामी समय में जैसे ही संसद का सत्र होगा, इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को फिर से गिरने का काम किया जाएगा. देश के 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. ऐसे में संसद के फ्लोर पर प्रधानमंत्री और सरकार से पूछेंगे कि वह किसानों से धोखेबाजी क्यों कर रहे हैं. क्यों एमएसपी को खत्म किया जा रहा है. इसके साथ ही दरवाजे के पीछे से तीनों कृषि कानूनों को क्यों लागू किया जा रहा है.