उदयपुर. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते असर के चलते देश भर में सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है. जिसका असर राजस्थान की भी शिक्षा व्यवस्थान पर देखने को मिल रहा है. यहां के सभी स्कूल और कॉलेज आम छात्रों के लिए बंद है.
ऐसे में जहां निजी स्कूलों की तरफ से छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा-दीक्षा दी जा रही है, लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई पिछले 4 महीनों से नहीं हो पाई है. जिसके चलते अब छात्रों के साथ ही उनके परिजन भी खासा परेशान हैं.
कोरोना की वजह से शिक्षा व्यवस्था पर पड़ी मार लेक सिटी उदयपुर में भी हालात इसी तरह के हैं. जहां पर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अब अपने घर पर कैद होकर रह गए हैं. उनके परिजनों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद इन लंबी छुट्टियों ने बच्चों को पढ़ाई से दूर कर दिया है. हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे भी फिर से स्कूल जाएं या फिर सरकार इनके लिए घर बैठे पढ़ाई की कोई व्यवस्था करें.
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उदयपुर के आदिवासी अंचल में रहने वाली गीता देवी बताती हैं कि कोरोना के बाद स्थिति काफी बदल गई है. बच्चे भी अब घर में रहकर परेशान होने लगे हैं. सरकार की ओर से शिक्षकों के लिए स्कूल शुरू कर दिए गए, लेकिन बच्चों के लिए अभी तक ये स्कूल नहीं खोले गए. ऐसे में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ना ऑनलाइन पढ़ पा रहे हैं और ना ही ऑफालाइन. बच्चों के परिजन भी अब सरकारी राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब फिर से सरकारी स्कूल आम छात्रों के लिए खुलेंगे और गांव ढाणी में पढ़ने वाला बच्चा फिर से स्कूल जा पाएगा.
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बता दें कि हालात सिर्फ उदयपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर जिले की है. जहां पर निजी स्कूलों के छात्रों को तो स्कूल प्रशासन की ओर से ऑनलाइन क्लासेस देकर शिक्षा के साथ जोड़े रखने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों में अब तक आम छात्रों की शिक्षा दीक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसका खामियाजा प्रदेश के लाखों बच्चों को अपने घर बैठकर और पढ़ाई से दूर रहकर उठाना पड़ रहा है. ऐसे में अब देखना होगा शासन-प्रशासन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए क्या कदम उठाते हैं.