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Chidambaram In Nav Sankalp Shivir: पूर्व वित्त मंत्री बोले इकोनॉमिक पॉलिसी को फाइन ट्यून करने की जरूरत - Chidambaram On Economic Policy In Udaipur

नव संकल्प शिविर के दूसरे दिन चिंतन मनन से पहले पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री (Chidambaram In Nav Sankalp Shivir) मीडिया से रूबरू हुए. देश के आर्थिक हालात और कश्मीरी पंडितों के दर्द को बयां किया. चिदंबरम ने भाजपा पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया.

Chidambaram In Nav Sankalp Shivir
इकोनॉमिक पॉलिसी को फाइन ट्यून करने की जरूरत

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Published : May 14, 2022, 12:52 PM IST

Updated : May 14, 2022, 1:54 PM IST

उदयपुर.कांग्रेस नव संकल्प शिविर के दूसरे दिन आज आर्थिक समिति के कन्वीनर पी. चिदंबरम मीडिया के समक्ष (Chidambaram In Nav Sankalp Shivir) आए. यहां उन्होंने देश के आर्थिक हालातों को गंभीर बताया. वर्तमान स्थिति को सुधारने के लिए कुछ उपाय सुझाए. कश्मीरी पंडितों पर हुए हमले की निंदा की और दिल्ली हादसे पर खेद जताया. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने दावा कि जो कुछ यहां से निकलेगा वो भविष्य की राह तय करेगा. आर्थिक हालातों पर चिदंबरम ने (Chidambaram On Economic Policy In Udaipur) कहा कि उन्हें पॉलिसी बनाने का फर्स्ट हैंड एक्सपीरिएंस हैं जिसके आधार पर उन्हें लगता है कि आज पॉलिसीज को फाइन ट्यून करने की जरूरत है.

कश्मीरी पंडितों की हत्या गलत:12 मई को बडगाम में कश्मीरी पंडित की हुई हत्या की चिदंबरम ने निंदा की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर में कुछ इश्यू है, जिन्हें केवल लोगों और सरकार के बीच बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है. डायलॉग बेहतर विकल्प है लेकिन हत्या गलत. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसका विरोध करती है. कोई भी हत्या हो चाहें वो आतंकवादियों के जरिए हो या फिर सिक्योरिटी फोर्स के जरिए सब गलत है.

Chidambaram In Nav Sankalp Shivir

GST कंपनसेशन का पीरियड 2025 तक हो: नव संकल्प शिविर में आर्थिक समिति के संयोजक पी. चिदंबरम ने जीएसटी कंपनसेशन (जीएसटी अनुदान) के सवाल पर भी राज्यों की डिमांड को सही बताया. कहा कि राज्यों का 78,740 करोड़ केन्द्र के पास बकाया है. हम मई के मध्य में हैं और अब तक स्थिति संभली नहीं है. ऐसे में राज्यों के हित में पीरियड 3 साल के लिए बढ़ाया जाना चाहिए. ये 2022 में समाप्त हो रहा है. इसे 3 साल आगे बढ़ाकर 2025 तक किया जाना चाहिए. दरअसल, खबर आ रही है कि केन्द्र जीएसटी कंपनसेशन खत्म करने की तैयारी में है. राज्य लगातार जीएसटी क्षतिपूर्ति योजना बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

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गेहूं के निर्यात पर रोक लगाना गलत:पी चिदंबरम ने गेहूं के निर्यात पर लगी रोग का विरोध किया. इसे केन्द्र की विफलता करार दिया है. कहा कि केंद्र सरकार पर्याप्त गेंहूं खरीद में विफल साबित हुई है. सरकार किसान विरोधी फैसले कर रही है. एक तरफ तो गेहूं खरीद करने में विफल हैं तो दूसरी ओर गेहूं के निर्यात पर रोक लगा देना एक गलत निर्णय है जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है.

कमजोर रुपए पर याद दिलाई पीएम मोदी की कही:डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये पर चिदंबरम ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी प्रति डॉलर रेट 40 रुपये पर लाने का वादा करते थे, जबकि एक्सचेंज रेट बाजार के हिसाब से बदलता है. चिदंबरम ने कहा कि बढ़ती मंहगाई और बढ़ते ब्याज दर के कारण डॉलर बाहर जा रहा है. स्थिति संभालने में सरकार नाकाम है. इसके साथ ही उन्होंने यूक्रेन के बहाने आर्थिक नुकसान की बात को भी बकवास करार दिया.

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हम झटका मीट में अटके: पूर्व वित्त मंत्री ने आम समस्यायों को लेकर बात रखी. कहा आज जनता महंगाई और नौकरियां खोने से त्रस्त है. 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं और बच्चे एनीमिया के शिकार हैं. हमें इसे लेकर चिंता होंनी चाहिए. बजाए इसके कि कौन हलाल मीट या झटका मीट खा रहा है (P chidamabaram On Meat Row) या कौन लाउडस्पीकर बजा रहा है.

नरसिम्हा राव और ज्ञानवापी:कांग्रेस ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे पर सवाल उठाए हैं. पी चिदंबरम ने कहा कि 1991 में नरसिम्हा राव सरकार ने बेहद सोच समझ कर पूजास्थल कानून बनाया था उसका पालन होना चाहिए. किसी भी पूजास्थल में बदलाव नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे टकराव बढ़ेगा. पूजा के स्थानों को यथा स्थिति रहने देना चाहिए लेकिन केंद्र सरकार संवाद में यकीन नहीं रखती है.

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SC/ST युवाओं के साथ अन्याय: आर्थिक समिति के कन्वीनर पी. चिदंबरम ने कहा कि अगर सरकारी महकमों में पद नहीं भरे जाएंगे तो युवा नौकरियों के लिए कहां जाएंगे?यह मंशा युवा, गरीब, एससी-एसटी और आर्थिक पिछड़ा वर्ग विरोधी है. ध्रुवीकरण केवल राजनीतिक कारणों से किया जाता है. देश को आगे बढ़ाने में आर्थिक नीतियां ही कारगर होती हैं.

इकोनामिक पॉलिसी देश के लिए लाइफ लाइन: पी चिदंबरम ने कहा कि देश के लिए इकोनामी सबसे महत्वपूर्ण है इकोनामिक पॉलिसी को इस देश के लिए लाइफलाइन माना जाना चाहिए. पोलराइजेशन केवल राजनीति के लिए होता है. हम पोलराइजेशन का विरोध करते हैं और हम चाहते हैं की अच्छी इकोनामिक पॉलिसी देश मे लागू हो. चूंकि 1991 में पॉलिसी बनाने का मुझे फर्स्ट हैंड एक्सपीरिएंस हैं जिसके आधार पर लगता है कि आज पॉलिसीज को फाइन ट्यून करने की आवश्यकता है.

Last Updated : May 14, 2022, 1:54 PM IST

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