उदयपुर. वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा उप चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक नियुक्तियां देने के मामले में कांग्रेस पार्टी पशोपेश की स्थिति में हैं. क्योंकि इन दोनों ही सीटों को जीतने के लिए कांग्रेस ने मेवाड़ के वरिष्ठ नेताओं को भी मैदान में उतारा था. सभी ने चुनाव में एकजुट होकर पार्टी के लिए पूरे दम खम के साथ प्रचार किया. विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद मेवाड़ के वरिष्ठ नेता राजनीतिक नियुक्तियां पाने की मंशा पाले हुए है.
इन नेताओं ने चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगाया था. राजनीतिक नियुक्तियों के लिए वरिष्ठ नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मेवाड़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अपने-अपने चहेतों को मलाईदार पद दिलाने में लगे हैं. उदयपुर में प्रमुख रूप से शहर और देहात जिलाध्यक्ष की नियुक्तियां, यूआईटी चेयरमैन और नगर निगम उदयपुर में नेता प्रतिपक्ष का पद लंबे समय से खाली चल रहा है.
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राजनीतिक नियुक्तियों के लिए एक दर्जन नेता अपनी दावेदारी जता रहे हैं. इन सभी दावेदारों के पीछे वरिष्ठ नेता भी शामिल है. सभी सीएम गहलोत के खास करीबी माने जाते हैं. इसलिए राजनीतिक नियुक्तियां देते समय पूरे समीकरण बिठाने में माथापच्ची करनी पड़ सकती है. क्योंकि सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, विधायक सीपी जोशी और सचिन पायलट अपने-अपने समर्थकों को एडजस्ट करना चाहते हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास उदयपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए अपनी पुत्रवधू के लिए कोशिश कर रही है. वहीं सचिन पायलट अपने समर्थकों को एडजस्ट करना चाहते हैं. लेकिन माना जा रहा है कि वल्लभनगर और धरियावद जीतने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत उन नेताओं को तवज्जों देंगे, जिन्होंने दोनों सीटों के लिए हुए उपचुनाव में मन लगाकर पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए काम किया है. ऐसे में मेवाड़ में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कांग्रेस पार्टी को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी.