उदयपुर.माकपा नेता वृंदाकरात नेबताया कि कृषि कानून को लेकर जिस प्रकार मोदी सरकार ने बिना सोचे समझे और बिना किसानों की राय लिए कानून लाई, किसान इन कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज की समस्या को लेकर हमारी बैठक हुई और केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों को लेकर नीतियों में काम कम हुआ.
वृंदा करात एक्सक्लूसिव इंटरव्यू पार्ट-1 वृंदा करात ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कहा कि मोदी किसानों को आंदोलनजीवी कह रहे हैं, जबकि किसान अपनी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बार सरकार का बजट भी आम लोगों की नजरों में धोखाजीवी है. सरकार बिना जनता की राय लिए तानाशाही रवैए से कानून बनाई. सरकार लगातार किसानों से बोल रही है कि उनकी आय डबल होगी, लेकिन किसान की आमदनी डबल होने की बजाय कई अन्य उद्योगपतियों की आय दोगुनी हुई है.
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उनहोंने कहा कि इस कोरोना कोरना काल में भी किसानों की बजाय अन्य लोगों की आय 10 गुना आगे बढ़ी है. सरकार ने जो कानून बनाए हैं, उनका ढांचा गलत है. इसमें संशोधित करने से कुछ नहीं होगा, इनको वापस लेना चाहिए. इस दौरान आगामी बंगाल चुनाव को लेकर भी वृंदा करात खुलकर बात कीं.
वृंदा करात एक्सक्लूसिव इंटरव्यू पार्ट-1 बंगाल चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होगी. टीएमसी के नेता बीजेपी का हाथ पकड़कर बंगाल लेकर आए. प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे को लेकर कहा कि टैगोर की जो फिलॉसफी है उससे तो मोदी जी बहुत दूर हैं, लेकिन दाढ़ी और बाल में तो वे टैगोर बनने का प्रयास कर रहे हैं. इसे बंगाल की जनता स्वीकार नहीं करेगी.