उदयपुर. जिले के जनजाति बहुल क्षेत्र कोटड़ा के छह गांवों के लगभग 13 हजार से ज्यादा लोगों के लिए जल्द ही समस्या खत्म होने वाली है. जहां कलेक्टर चेतन देवड़ा के दौरे के बाद पिछले 10 से ज्यादा वर्षों से लंबित बांकावास पुलिया का निर्माण होने से क्षेत्र की 6 ग्राम पंचायतों के 13 हजार से ज्यादा लोगों को राहत मिलेगी. जहां अभी तक बांकावास पुलिया के अभाव में इन लोगों को लगभग 20 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता था.
जिला कलेक्टर देवड़ा ने कोटड़ा दौरे के दौरान ग्रामीणों की मांग पर इस पुलिया को जल्द से जल्द तैयार करवाने और गुणवत्ता पूर्ण कार्य को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों ने भी लंबित बांकावास पुलिया के निर्माण के निर्णय पर हर्ष व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन का आभार जताया है. इससे क्षेत्र के डांग, बांकावास, मेवाड़ों का मठ, तूली खेत, टिबरनी का खेत सहित कई गांवों के लोगों को राहत मिलेगी.
दस साल से 20 किलोमीटर का चक्कर
गौरतलब है कि सही नदी के बहाव क्षेत्र में आने की वजह से इस पुल के निर्माण में दिक्कत आ रही थी. यह क्षेत्र ज्यादातर समय डूब क्षेत्र में रहता है. ऐसे में यहां निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा था. कलेक्टर चेतन देवड़ा ने बांकावास पुलिया के निर्माण को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. एक्सईएन राजेश बंसल ने बताया कि तेजा का वास गांव से आगे बांकावास पुलिया का मई तक निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा. इसमें लगभग 50 लाख की लागत आएगी. इससे क्षेत्रवासियों को बहुत राहत मिलेगी.
जेटीओ संजीव चैधरी ने बताया कि बारिश के दिनों में 12 फीट तक पानी भर जाता है. सात फीट तक स्ट्रक्चर बनने के बाद बारिश की वजह से पानी में डूब गया था. इस वजह से करीब छह महीने से काम बंद था. अब मई माह तक बांकावास पुलिया का निर्माण पूर्ण होने के संभावना है. इससे क्षेत्र की जनता को लगभग 20 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. क्षेत्रवासी लम्बे समय से इस पुलिया के निर्माण की मांग कर रहे थे. कलेक्टर देवड़ा ने क्षेत्र के अन्य बांधों और पुलिया के भी मरम्मत के निर्देश दिए हैं.