उदयपुर.कोरोना महामारी के बाद अब सरकारी गाड़ी पटरी पर आ रही है. आम जनजीवन सामान्य होता जा रहा है. वहीं, कोरोना काल के दौरान सरकार को हुए राजस्व के नुकसान की भरपाई भी होती दिख रही है. प्रदेश सरकार को करीब 28 करोड़ रुपये से अधिक का तेंदूपत्ता मिलना जा रहा है. इससे ना केवल सरकार को राजस्व मिलने जा रहा है, बल्कि हजारों मजदूरों को रोजगार मिलेगा.
उदयपुर: तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए हुई नीलामी, सरकारी खजाने को मिलेगा 28 करोड़ रुपये
राजस्थान सरकार को करीब 28 करोड़ रुपये से अधिक का तेंदूपत्ता मिलना जा रहा है. उदयपुर स्थित वन भवन में संभाग के विभिन्न जिलों में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए नीलामी का आयोजन हुआ. संभागीय मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह की अध्यक्षता में उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिलों में होने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण की नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई.
उदयपुर स्थित वन भवन में संभाग के विभिन्न जिलों में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए नीलामी का आयोजन हुआ. संभागीय मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह की अध्यक्षता में उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिलों में होने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण की नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई है. सबसे बड़ी बात ये है कि सभी 74 ब्लॉक की नीलामी एक साथ हो गई है, जबकि अभी कई ब्लॉकों के लिए फिर से नीलामी प्रक्रिया अपनानी है.
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मुख्य वन संरक्षक सिंह के अनुसार संभाग के सभी ब्लॉक में 28 करोड़ 69 लाख 84 हजार रुपये के तेंदूपत्ते की नीलामी होगी. ठेकेदार अपने-अपने ब्लॉक में स्थानीय लोगों के जरिए तेंदूपत्ता संग्रहण करेंगे. खासकर डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ के हजारों लोगों को इससे रोजगार नसीब होगा.