उदयपुर.नगर निगम चुनाव के परिणाम जारी होने के बाद अब महापौर पद को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. भाजपा की ओर से उदयपुर महापौर पद के प्रत्याशी के तौर पर जहां गोविंद सिंह ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. तो वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी गोविंद सिंह को टक्कर देने के लिए चुनावी रण में अरुण टाक को उतार दिया है.
महापौर पद को लेकर शुरू हुआ सियासी घमासान गुरुवार को अरुण टाक ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन पत्र दाखिल किया और अपनी जीत का दावा भी किया. बता दें कि उदयपुर में 70 वार्ड हैं, जिनमें 44 पर बीजेपी, 20 पर कांग्रेस और 6 पर अन्य के प्रत्याशी विजई हुए हैं. ऐसे में बीजेपी के पास जहां महापौर पद के लिए पूर्ण बहुमत है. वहीं कांग्रेस पार्टी जोड़-तोड़ की राजनीति के चलते महापौर पद का चुनाव जीतना चाह रही है.
दरअसल, इस साल उदयपुर में महापौर पद के लिए ओबीसी की सीट रिजर्व है. ऐसे में बीजेपी ने जहां गोविंद सिंह कांख को महापौर पद का उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस भी टाक उम्मीदवार को ही चुनावी मैदान में उतार रही है.
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अरुण टाक गोविंद सिंह को 26 नवंबर को टक्कर देते नजर आएंगे. इसके अलावा दोनों ही राजनीतिक दलों ने महापौर पद के चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है और पार्षदों की बाड़े बंदी के साथ ही मान मनुहार का दौर भी शुरू हो गया है. ऐसे में अब देखने वाली बात यो होगी कि 26 नवंबर को होने वाला महापौर पद का चुनाव कौन सी पार्टी का प्रत्याशी जीत दर्ज करता है.