उदयपुर. राजस्थान में तेज गर्मी से हर कोई हलकान हो रहा है. लगातार बढ़ते पारे से बचने के लिए मनुष्य से लेकर जीव-जंतु तक राहत पाने की जुगत करते नजर आते हैं. राजस्थान के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है. तेज गर्मी के बीच उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में चार भारतीय भेड़िए के बच्चों की मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इन बच्चों की मौत गर्मी के कारण होने की जानकारी सामने आए थी. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम शुक्रवार को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंची. टीम ने पार्क का जायजा लेते हुए गर्मी में वन्यजीवों का किस तरह से बचाव किया जा रहा है, इसके बारे में जानकारी हासिल की.
पार्क के प्रशासन की ओर से गर्मी से बचाने के लिए वन्यजीवों को कूलर, पंखा और सीजन के अनुसार भोजन करवाया जा रहा है. उदयपुर की सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 160 से अधिक वन्यजीव हैं. जिनमें लॉयन, बंगाल टाइगर, भेड़िए, लोमड़ी, गीदड़, मगरमच्छ, घड़ियाल, भालू, पैंथर, काला हिरण, चीतल, सांभर, चिंकारा, चौसिंगा, कछुआ आदि शामिल हैं.
गर्मी में वन्यजीव कूल-कूल, बदली दिनचर्या इन उपायों से बचा रहे वन्यजीवःरेंजर गणेश लाल गोठवाल ने बताया कि गर्मी में वन्यजीवों को बचाने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जा रहे हैं. जिनमें वन्यजीवों के लिए कूलर पंखे और धूप से बचाने के लिए ग्रीन नेट लगाई गई है. साथ ही एंक्लोजर में पानी का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही एंक्लोजर में पीने का पानी दिन में दो बार बदलने का काम किया जाता है. इसके अलावा डिस्प्ले एरिया में जानवरों के लिए पोंड बने हुए हैं. जिसमें वे गर्मी लगने पर नहाते हैं.
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भोजन में किया बदलावःइस गर्मी में जहां शाकाहारी जानवरों के लिए तरबूज, ककड़ी, हरा चारा (Diet chart change in summer for animals in Sajjangarh Biological Park) भी दिया जाता है. इसके अलावा जानवरों के लिए छाया की व्यवस्था की गई है. वहीं मांसाहारी जीवो के लिए मास में मल्टीविटामिन डाल कर दिया जा रहा है. पानी में इलेक्ट्रॉन भी डाला जा रहा है. गर्मी से बचाने के लिए कूलर और पंखे भी लगाए गए हैं.
इन वन्यजीवों का रख रहे विशेष ध्यानःडॉ हंस कुमार जैन ने बताया कि गर्मी में प्रत्येक भालू (Cooler fans for animals in Biological Park) को 2 किलो फ्रूट आइसक्रीम खिलाई जा रही है. वहीं ककड़ी, तरबूज, आम, खीरा आदि दिया जा रहा है. वहीं गर्मी से बचाने के लिए कूलर भी लगाया गया है.
18 लोग रखते हैं ध्यानःइन वन्यजीवों का ध्यान रखने के लिए दिन भर में 18 लोग काम करते हैं. जो अलग-अलग शिफ्ट के अनुसार देखभाल करते रहते हैं. केयरटेकर राम सिंह और मानाराम ने बताया कि सुबह होल्डिंग एरिया में साफ सफाई की जाती है. वहीं इन वन्यजीवों का सभी का नाम रखा गया है. जिन्हें केयरटेकर राम सिंह और मानाराम उनके राम से संबोधित करके बुलाते हैं. ऐसे में वन्यजीव भी इनकी आवाज की ध्वनि को सुनकर अपने फिटिंग रूम में वापस आ जाते हैं. इसके बाद इन्हें गर्मी से बचाने के लिए कूलर और पंखा चालू किया जाता है. रात के समय भी वन्यजीवों के लिए कूलर में पानी भरा जाता है.