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श्रीगंगानगरः भाजपा में बनने लगी है असंतोष की स्थिति, जिलाध्यक्ष पद पर फंसा पेंच - श्रीगंगानगर भाजपा जिलाध्यक्ष खबर

श्रीगंगानगर में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया के दौरान भाजपा में असंतोष बनने लगा है. पार्टी की ओर से जिन अट्ठारह मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है, उसमें रायसिंहनगर और अनूपगढ़ के 22 नामों पर सवाल उठने लगे हैं. जिस पर इटीवी भारत ने नामांकन चुनाव प्रभारी ताराचंद सारस्वत से खास बातचीत की.

भाजपा जिलाध्यक्ष पद, BJP District President post
भाजपा जिलाध्यक्ष पद

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Published : Dec 10, 2019, 8:13 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया के दौरान भाजपा में असंतोष बनने लगा है. पार्टी की ओर से जिन अट्ठारह मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है, उसमें रायसिंहनगर और अनूपगढ़ के 22 नामों पर सवाल उठने लगे हैं. चुनाव प्रक्रिया पर रायसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष निहालचंद ने विरोध किया है. वहीं अनूपगढ़ क्षेत्र में विधायक संतोष बावरी ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ के समक्ष आपत्ति जताई है.

वहीं जिला भाजपा में असंतोष के चलते रायसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में सांसद निहालचंद और विधायक बलवीर सिंह लूथरा के बीच गुटबाजी और बढ़ सकती है. जिलाध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया में खींचतान होने की आशंका पहले से ही नजर आ रही थी. ऐसे में भाज्पा जिला अध्यक्ष पद के लिए बड़ी संख्या में आए आवेदन, यह बता रहे हैं कि आने वाले दिनों में अध्यक्ष चुनने के लिए वोटिंग भी हो सकती है. हालांकि चुनाव प्रभारी ताराचंद सारस्वत मतदान करवाने की बजाय सर्वसम्मति से जिला अध्यक्ष चुनने की बात करें हैं.

भाजपा में जिलाध्यक्ष पद पर फंसा पेंच

वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए हो रहे चुनाव में युवा भी नामंकन कर रहे हैं. युवाओं ने पार्टी के आन्तरिक लोकतंत्र में विश्वाश देखते हुए पारदर्शी तरीके से अध्यक्ष बनने के लिए नामंकन में भाग लिया है. गौरतलब है कि जिलाध्यक्ष चुनाव में नामांकन के साथ ही वापसी फार्म भरवाया जा रहा है. चुनाव प्रभारी ताराचंद सारस्वत ने बताया कि कार्यकर्ताओं की सहमति से फार्म लिया जा रहा है. कई बार एक नाम पर सहमति बनने पर दूसरे उम्मीदवारों से राय लेने के लिए संपर्क करना पड़ता है. उधर पार्टी में उठे बवाल से गुटबाजी भी बाहर आने लगी है. पिछले दिनों मण्डल अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी ने दो ऐसे मंडल अध्यक्षों को नियुक्त किया, जो लोकसभा चुनाव में पार्टी का विरोध कर रहे थे.

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ऐसे में भाजपा नेता दबी आवाज में कह रहे हैं की लोकसभा चुनाव में पार्टी का विरोध करने वालों को महत्वपूर्ण पद देना पार्टी को नुकसान करना है. वहीं जिला अध्यक्ष पद के लिए नामांकन चुनाव प्रभारी ताराचंद सारस्वत की मानें तो भारतीय जनता पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र कायम है और पार्टी सभी की सहमति से जिला अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी. वहीं उन्होंने कहा कि चुनाव में बगावत करने वालों के खिलाफ बनी अनुशासन समिति फैसला कर कार्रवाई करेगी. चुनाव प्रभारी ने कहा कि निष्ठावान कार्यकर्ता और पार्टी की रीति नीति में विश्वास रखने वाला ही भाजपा का जिलाध्यक्ष बनेगा.

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