श्रीगंगानगर:पंजाब के शहरों से सीवरेज का प्रदूषित और उद्योगों का जहरीला केमिकल युक्त पानी जिले में आने वाली गंगनहर में आने से जिले के लोग अब लामबंद होने लगे हैं. इसी क्रम में जन संघर्ष समिति ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर पड़ाव डालते हुए आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोगों ने पड़ाव में शामिल होकर आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है.
इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब में हरीके बैराज पर सतलुज और व्यास नदी के संगम से पहले अनेक स्थानों पर बड़े पैमाने पर और लंबे समय से सतलुज नदी में औद्योगिक गंदगी प्रवाहित की जा रही है. राजस्थान की नहरों में होकर यह पानी 8 जिलों में पेयजल व सिंचाई पानी के रूप में प्रयोग किया जाता है. सतलुज में प्रदूषित पानी डालने के लिए बाकायदा बड़े-बड़े नाले बने हैं. जालंधर के पास स्थित काला संघा पर पानी नहरों में में डाला जा रहा है. इसी तरह जालंधर के उद्योगों से जहरीले पदार्थ को बहाकर सतलुज में डालने वाला बुड्ढा नाला के पास सतलुज में मिलता है. यही राजस्थान में आने वाली नहरों में बहकर आ रहा है.
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