श्रीगंगानगर.जिले के सभापति अजय चाण्डक से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की. जिसमें सभापति अजय चाण्डक ने अपने कार्यकाल के 5 सालों में नगर परिषद की जनता को क्या कुछ दिया है? इस पर उनका जवाब था कि मैं जनता को क्या दे सकता हूं. शहर की जनता देवी व भगवान रूपी है.मैं उससे लेने के लिए आतुर रहता हूं चाहे वोटों के रूप में चाय आशीर्वाद के रूप में.
श्रीगंगानगर अजय चाण्डक से ईटीवी भारत की खास बातचीत अजय चाण्डक ने कहा कि मेरे सभापति बनने के समय में जो मेरा दायित्व था, फर्ज था सभापति होने के नाते मैंने जो जनता को सफाई, सड़कें, नालियां जो भी नगर परिषद से संबंधित कार्य थे. जनता को दिए हैं, लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं 100% जनता के वायदों पर खरा उतरा हूं. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार के समय सरकार से जो नोक-झोंक होती रही. उससे शहर की जनता को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और विकास कार्य पूरी तरह से नहीं हो पाए हैं. जिससे मेरे शहर का नुकसान हुआ है.
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सभापति चांडक ने कहा कि मेरे कार्यकाल में नगर परिषद बोर्ड की 70% कार्य पूरे हुए हैं, जिनसे मैं खुश हूं. वहीं 30% जो कार्य बाकी रहे हैं. वह आने वाले समय में जो भी नया सभापति बनेगा. चाहे वह मेरे परिवार से चाहे कोई और वह पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि कचरा प्लांट और मृत पशुओं को डालने की दो बड़ी समस्या शहर में है. जिनका समाधान जरूरी है. साथ ही उन्होंने कहा कि शहर में पार्षद चुनकर आए वह वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगाए. जिससे वार्डो में सुरक्षा हो.
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उन्होंने कहा कि शहर में दो बड़े काम जो सीवरेज और एसटीपी के काम नहीं होने से दिल में दर्द है. नगर परिषद बोर्ड में पार्षदों की खींचतान के चलते 5 साल में विकास के कार्य नहीं हो पाए. जिसके कारण जनता को नुकसान हुआ है. पार्षदों के लिए जनता से अपील करते हुए सभापति ने कहा कि ऐसे पार्षदों ने नगर परिषद बोर्ड में विकास के कार्यों में सहयोग कम बल्कि रुकावट ज्यादा डालते रहें. ऐसे पार्षदों को जनता हराकर भेजें क्योंकि अगर इस प्रकार के पार्षदो को फिर से जनता बोर्ड में भेजेगी तो उसी प्रकार से विकास के कार्यों में रोड़े अटका जाएंगे. सभापति चांडक ने कहा कि मैं बीजेपी से जीतकर नगर परिषद बोर्ड में गया था और सभापति बनने के बाद में भाजपा ने मेरी गलती नहीं बताई. इस बात की दिल में आज भी टीस है और हमेशा रहेगी.