श्रीगंगानगर.गंगानगरी किन्नू के नाम से मशहूर किन्नू फल ने फलों के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपने स्वाद, रंग और गुणवत्ता के चलते खासी पहचान बनाई है. सर्दी के दिनों में गंगानगरी किन्नू बाजार में आना शुरू होता है. अपने खट्टे-मीठे स्वाद और चटक रंग से यहां का किन्नू लोगों को अपनी ओर खींच रहा है. गंगानगरी किन्नू अच्छे स्वाद के साथ ही विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसलिए इन दिनों ये रसोई घर में खास जगह बनाए हुए है.
गंगानगरी किन्नू प्रदेश के साथ ही देश विदेश में खास पहचान रखता है. गंगानगरी किन्नू स्वाद के मामले में पड़ोसी राज्य पंजाब और यहां तक कि विश्व में सर्वाधिक उत्पादन करने वाले देश पाकिस्तान के किन्नू से भी बेहतर माना जाता है. श्रीगंगानगर जिले में इस बार 12186 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलों के बाग हैं. इनमें 11070 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किन्नू के बाग हैं. उद्यान विभाग के अनुसार इस वर्ष किन्नू का उत्पादन 3 लाख 70 हजार मीट्रिक टन का अनुमान है. किन्नू का उत्पादन 150 से 190 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहेगा. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किन्नू की बंपर फसल है. किसान को प्रति बीघा डेढ़ लाख रुपये तक की आमदनी होगी.
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बताया जा रहा है कि किन्नू की पूरे देश में अच्छी मांग बनी हुई है. वर्तमान में कलर वाला किन्नू का बाजार में आना जारी है. 2016-17 में 10228 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किन्नू के बाग थे. वहीं 260000 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था. वहीं 2017-18 में 10430 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मौजूद किन्नू के बागों में उत्पादन 210000 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ. 2018-19 में 10781 हेक्टेयर में मौजूद किन्नू के बागों में 280000 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ. 2019-20 में 10920 हेक्टेयर में मौजूद किन्नू के बागों में 285000 मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ. इसी तरह 2020-21 में 11071 हेक्टेयर में किन्नू के बाग हैं और 3 लाख 70 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है.