श्रीगंगानगर.जिले के शिक्षा विभाग में 38 करोड़ रुपए के घोटाले मामले में भले ही जांच ठंडे बस्ते में है. लेकिन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचा कर गबन की राशि हासिल करने के लगातार दावे कर रहे हैं. मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दफ्तर में प्रतिनियुक्ति पर लगे शारीरिक शिक्षक ओम प्रकाश ने बैंक और ट्रेजरी से मिलकर फर्जी बिल पेश करके सरकार को 38 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया.
मामले का खुलासा सितंबर 2019 में हुआ तो शिक्षा विभाग से लेकर शिक्षा मंत्रालय तक हड़कंप मच गया. इतना बड़ा घोटाला एक शारीरिक शिक्षक ने अकेले अपने दम पर कर दिया. ये यकीन होने वाली बात नहीं थी. जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच शिक्षा निदेशक बीकानेर की मौजूदगी में उपनिदेशक देव लता से करवाई. लेकिन जांच अधिकारी ने मामले में गड़बड़ी करनी शुरू कर दी तो उन्हें भी रिटायरमेंट से एक दिन पहले शिक्षा निदेशक सौरव स्वामी ने निलंबित किया.
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मामले में सरकारी धन की रिकवरी और घोटाले में शामिल दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की बात कहते हुए शिक्षा मंत्री डोटासरा ने पूरे प्रकरण की जांच एसीबी से करवाने की बात बार-बार कही, लेकिन आज तक जांच नहीं हुई. 38 करोड़ के इस घोटाले में आरोपी शिक्षक ओम प्रकाश अकेला होगा यह हजम होने वाली बात नहीं है. हालांकि घोटाले में सीबीओ दफ्तर के कई अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित और चार्जशीट के साथ तबादले भी किए गए.