श्री गंगानगर .लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची में राजस्थान की 16 सीटों पर पत्ते खोल दिए हैं. इसके तहत पार्टी ने श्रींगंगानगर-हनुमानगढ़ लोकसभा सीट पर निहालचंद मेघवाल को मैदान में उतारा है. मेघवाल को टिकट मिलने के बाद इसकी काट में जुटी कांग्रेस जहां नामों पर मंथन करने में जुटी है. वहीं, स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के एक गुट ने श्रीगंगानगर से ही स्थानीय नेता को प्रत्याशी बनाने की मांग रखते हुए पार्टी के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है.
राजस्थान लोकसभा चुनाव 2019: निहालचंद का तो तोड़ नहीं मिल रहा...गंगानगर, हनुमानगढ़ में उलझी कांग्रेस - Congress
लोकसभा चुनाव को लेकर जारी गहमागहमी के बीच भाजपा ने जहां 16 सीटों पर पत्ते खोल दिए हैं. वहीं, कांग्रेस हर एक सीट के नामों पर मंथन में जुटी है. इस बीच श्रीगंगानगर लोकसभा सीट को लेकर पार्टी के एक धड़े की ओर से रखी गई मांग ने सभी को असमंजस में डाल दिया है....
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प्रत्याशियों की सूची जारी होने से पहले पार्टी के आलानेताओं के सामने पहुंची इस शर्त के बाद खलबली बढ़ गई है. दरअसल, भाजपा ने इस सीट पर निहालचंद मेघवाल को दोबारा मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेल दिया है. मेघवाल इस सीट पर चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. साथ ही उनका यहां मजबूत पकड़ होने के साथ ही बड़ा जनाधार है. इसे देखते हुए कांग्रेस इसकी काट करने के लिए मंथन में जुटी है. इसके तहत श्रीगंगानगर सीट से सामने आए नामों पर मंथन जारी है. इस बीच श्रीगंगानगर में कांग्रेस के एक धड़े ने पार्टी के आला नेताओं को अपनी एक शर्त से हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के बीच उलझाकर रख दिया है. दरअसल, पार्टी के इस धडे़ ने मांग रखते हुए कहा है कि पार्टी इस बार श्रीगंगानगर जिले से ही प्रत्याशी को घोषित करे ना की हनुमानगढ़ से. इस मांग ने पार्टी के आला नेताओं को भी उलझा दिया है.
पार्टी के इस धड़े ने साफ कहा है कि भाजपा ने श्रींगंगानगर जिले को प्राथमिकता देकर टिकट दी है. जिस पर पार्टी को भी इस बार श्रीगंगानगर जिले के कार्यकर्ता को टिकट देना चाहिए. इसके पीछे तर्क भी दिया है कि इस लोकसभा सीट पर करीब 19 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 11 लाख से अधिक मतदाता अकेले श्रीगंगानगर से हैं. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि पार्टी श्रीगंगानगर जिले के कार्यकर्ता को टिकट देगी तो हम समर्थन करेंगे. पार्टी के भीतर एक धड़े के इस मांग ने पार्टी के आलानेताओं को असमंजस में डाल दिया है. एक धड़े के इस मांग के बाद पार्टी के सामने नई मुश्किलें खड़ी होती दिखाई दे रही हैं.