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श्रीगंगानगर: धान मंडी में भीगती रही किसानों की गेहूं की फसल, जिम्मेदार अधिकारी रहे नदारद - श्रीगंगानगर में गेहूं की फसल भीगी

श्रीगंगानगर में गेहूं खरीद के बाद उठाव की प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है. इस बीच बेमौसम बारिश के चलते धान मंडी में खुले आसमान के नीचे रखी किसानों की गेहूं की फसल भीग गई. इससे किसान बहुत परेशान है.

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धान मंडी में भीगती रही किसानों की गेहूं की फसल

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Published : Apr 20, 2021, 8:30 PM IST

श्रीगंगानगर.जिले में गेहूं की समर्थन मूल्य पर हो रही खरीद के बाद उठाव की प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है. मंगलवार को अचानक बदले मौसम के बाद शुरू हुई बारिश से धान मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी किसानों की गेहूं फसल भीग गई, लेकिन गेहूं को भीगने से बचाने वाले जिम्मेदार अधिकारी मंडी प्रांगण में नजर नहीं आए. धान मण्डी में खुल्ले आसमान में पड़ा किसान का गेंहु, सरसों, जौ और चना सेडो के निचे रखने की जगह नहीं होने के कारण भीगता रहा.

धान मंडी में भीगती रही किसानों की गेहूं की फसल

ईटीवी भारत की टीम बारिस के दौरान ही जिले की सबसे बड़ी धानमण्डी में पहुंची तो बारिश के बीच जो नजारा देखा गया, वह किसानों को काफी परेशान करने वाला दिखाई दिया. धान मण्डी में बारिस के दौरान किसानों द्वारा भारतीय खाद्य निगम को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए लाया गया, लेकिन एफसीआई अधिकारियों द्वारा खरीद शुरू नहीं करने से किसानों का गेहूं, सरसों खरीदा नहीं हो पाया, जिसके चलते बारिश से मण्डी में माल भीग गया.

बारीश के दौरान ईटीवी भारत ने मण्डी में जाकर जायजा लिया, तो हालत काफी खराब नजर आए. धान मंडी में गेहूं बेचने के लिए आए किसानों का माल खुले आसमान में पड़े होने के कारण भीग गया है. बारिश लगातार हो रही है, लेकिन किसान के माल को ढकने की कोई व्यवस्था नहीं है. जिन पिंडो के नीचे किसान का माल रखा जाना चाहिए था, वहां पर व्यापारियों का माल पड़ा है, जिसके चलते किसानों को अपना माल खुले आसमान के नीचे रखना पड़ रहा है. अचानक बारिश के चलते मंडी में माल को ढकने के लिए त्रिपाल और प्लास्टिक की चादरों के भी भाव बढ़ गए हैं.

किसानों ने बताया कि मंडी में माल लेकर आए थे लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने और खरीदे गए माल का उठाव नहीं होने के कारण उनका माल नहीं खरीदा जा रहा है. इसके चलते किसानों द्वारा लाई गई गेहूं और सरसों ट्रैक्टर ट्रॉलीओं में ही रखी गई है. बारिश से किसानों का यह माल भीग रहा है, लेकिन किसान फसल को भीगने से बचाने के लिए खुद के स्तर पर जुगाड़ करने में जुटा हुआ है. किसानों के सामने इस बात की भी चिंता है कि वह बिका हुआ माल घर पर भी वापस नहीं ले जा सकता है. दूसरी तरफ एफसीआई भी भीगे हुए माल को नमी का बहाना बनाकर खरीद नहीं करेंगी.

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ऐसे में किसान को अपना माल ओने पौने दामों में बेचना पडे़गा. किसान पर यह दोहरी मार लगातार पड़ रही है, लेकिन सरकारी अधिकारी इस व्यवस्था को सुधारने में कोई रास्ता नहीं निकाल रहे हैं. मंडी में माल लेकर आए किसानों ने बताया कि बारिस से उनका माल भिग गया है, जिसकी खरीद अब भारतीय खाध निगम नहीं करेगी. वहीं व्यापारियों ने बताया कि बारिश से जो नुकसान हुआ है, वह नुकसान किसान और व्यापारी का हुआ है, जबकि एफसीआई अधिकारी भीगे हुए माल की जिम्मेदारी नहीं लेंगे.

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