श्रीगंगानगर.नशा करके सड़क पर वाहन चालना ना केवल खुद की जिन्दगी से खिलवाड़ करना है, बल्कि नशे में वाहन चलाने से सड़क पर ना जाने कितने लोगों की जान को जोखिम में डालना है. जिले में ड्रिंक एंड ड्राइव से लगातर सड़क पर दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सड़क हादसे रोकने के लिए पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई के दौरान नशे में वाहन चलाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. पुलिस की ओर से नशे में वाहन चलाने वालो पर लगातर कारवाई की जा रही है, मगर फिर भी नशा करके सड़क पर वाहन दौड़ाने वालों की संख्या में इजाफा ही हो रहा है.
श्रीगंगानगर में ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों में इजाफा चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने
पिछले कुछ समय में ही श्रीगंगानगर ट्रैफिक पुलिस ने 1400 से अधिक चालकों पर कार्रवाई कर वाहनों को सीज किया गया है. आंकड़े बता रहे है की नशा करके सड़क पर वाहन चलाने वालो की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साल 2018 में ड्रिंक एंड ड्राइव करने वालों की संख्या जहां 1688 थी, तो साल 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 2200 से उपर चला गया है.
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रोजाना सामने आ रहे ड्रिंक एंड ड्राइव केस
श्रीगंगानगर शहर के चारों तरफ जाने वाले मुख्य मार्गों पर तैनात पुलिसकर्मियों की ओर से शाम के समय जाने वाले वाहन चालकों की जांच की जाती है. जिसमें पुलिस संदिग्ध वाहन चालकों की ब्रीथ एनालाइजर से जांच करती है. ऐसे में यहां प्रतिदिन दो से तीन बाइक सवार या चौपाइया वाहन चालक नशे में पाए जाते हैं. जिनके वाहनों को सीज किया जाता है.
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समझाइश के बाद भी नहीं मान रहे लोग
पुलिसकर्मियों का कहना है कि शाम के समय बाइक सवार शराब के नशे में रहते है. पहले समझाइश अभियान भी चलाया गया था. जिससे लोगों में नशे की कुछ कमी आई थी. लेकिन लोग नहीं मानते हैं. पिछले एक साल में ट्रैफिक पुलिस की ओर से वाहन जांच के दौरान करीब 2200 व्यक्तियों को नशे में वाहन चलाते मिले. इनके वाहनों को सीज किया गया. इसके अलावा इनके लाइसेंस को 3 माह निलंबन के लिए सिफारिश परिवहन विभाग को भेजी गई. बता दें कि यातायात पुलिस की ओर से शहर के मुख्य मार्गों व चौराहों पर वाहन जांच के दौरान ब्रीथ एनालाइजर से जांच की जाती है. यदि मशीन 30% से अधिक एल्कोहल बताती है तो वाहन को सीज कर दिया जाता है. इसके अलावा लाइसेंस को निलंबित के लिए भेजा जाता है.