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श्रीगंगानगर: बॉर्डर पर उड़ रहे धूल के गुब्बार, सीमा पर मुस्तैदी से डटे BSF जवान - भारतीय सीमा

पाक की सीमा से लगा हुआ 210 किलोमीटर भारतीय सीमा का अधिकांश क्षेत्र रेगिस्तानी है. जिसके कारण यहां तेज आंधी और धूल के गुबार उठते हुए दिखाई देते है. ऐसे हालातों में भी सीमा पर बीएसएफ के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ डटे हुए हैं. बीएसएफ जवान पाकिस्तान की हर हरकत पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं. जिससे होने वाली किसी घटना का पता चल सके.

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भारत-पाक सीमा पर BSF जवान तैनात

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Published : Jun 19, 2020, 11:15 AM IST

श्रीगंगानगर. इन दिनों तेज धूप और लू के चलते हर कोई परेशान है. वहीं, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ डटे हुए हैं. बीएसएफ जवान धूल भरी आंधी और तेज गर्मी में भी पाकिस्तान की सभी हरकतों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. एलएसी पर चीन की ओर से गलवान घाटी में की गई हरकत के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विशेष सतर्कता बढ़ा दी गई है.

बता दें कि पाक की सीमा से लगी हुई 210 किलोमीटर भारतीय सीमा का अधिकांश क्षेत्र रेगिस्तानी है. जिसके चलते गर्मियों में यहां धूल भरी आंधियां चलने से सीमा के उस ओर दुशमन की कोई भी हरकत कुछ साफ नजर नहीं आती है. हिंदूमलकोट क्षेत्र से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने अपनी सीमा में मिट्टी के बड़े-बड़े बांध बनाए हुए हैं, जिसके कारण यहां धूल भरी आंधियां चलने से धूल का गुबार नजर आता है.

भारत-पाक सीमा पर BSF जवान तैनात

ईटीवी भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा का जायजा लेते हुए हिंदूमलकोट गांव में लोगों से बात की तो पता चला कि आमतौर पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाला पाकिस्तान इन दिनों सीमा के उस ओर कोई हरकत करता नजर नहीं आ रहा है. हमारे कैमरे ने हिंदूमलकोट गांव के एक घर से सीमा के क्षेत्र का दृश्य कैमरे में कैद करने की कोशिश की तो सामने आया कि सीमा के उस पार पाकिस्तान की तरफ से कोई हरकत तो नहीं है, लेकिन धूल भरी आंधी चलने के कारण धूल के गुबार उड़ते नजर आ रहे हैं.

पढ़ें-श्रीगंगानगर: जानिए BSF की मुस्तैदी से सीमा पर कितने बेफिक्र हैं ग्रामीण

हिंदूमलकोट गांव का दृश्य देख कर पता चलता है कि बॉर्डर पर गांव के लोग बिल्कुल शांति से अपना जीवन जी रहे हैं. ग्रामीणों को बीएसएफ की मुस्तैदी के चलते पाकिस्तान की तरफ से किसी भी प्रकार के खतरे की आशंका नहीं है. गांव में दोपहर को लोग खेतों में काम करने के बाद अपने घरों में आराम से रहते हैं. ग्रामीणों को बीएसएफ के चलते किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है.

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