सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). क्षेत्र में कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते, सरकारी संप्रेषण और किशोर गृह के सहायक निदेशक प्रेमाराम कस्वां एक नई पहल करने जा रहे है. जो लोग लोकलाज के भय से नवजात शिशुओं को सड़क या फिर नाले में फेक देते है. उसे बचाने के लिए सूरतगढ़ और अन्य कस्बों को चिन्ह्ति कर शिशु पालना गृह स्थापित किया जाएगा.
सूरतगढ़ में इसी महीने के आखिर तक इसका काम शुरू हो जाएगा. समाजसेवा में कार्यरत विविधा संस्था सरकारी अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के पास पालना केंद्र का निर्माण करवा रही है. सहायक निदेशक प्रेमाराम कस्वां ने बताया कि जिला अस्पताल, संप्रेषण और किशोर गृह में शिशु पालना गृह संचालित हैं. इसमें जिला अस्पताल का पालना गृह सरकारी कोष से बना है, जबकि संप्रेषण और किशोर गृह, सूरतगढ़ में शिशु पालना गृह जल्द शुरू हो जाएगा.
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विविधा के संस्थापक नंदकिशोर सोमानी और अध्यक्ष योगेश स्वामी ने बताया कि कूड़े के ढेर में नवजातों को कुत्तों द्वारा नोचने की घटनाएं आए दिन अखबारों में पढ़ने को मिलती है. सहायक निदेशक कस्वां और बाल कल्याण समिति की सदस्य रहीं नीलम सांगवान की प्रेरणा से पालना केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है.
यह है शिशु पालना गृहों का मुख्य उद्देश्य- अनचाहे नवजात बच्चों की मृत्यु को रोकना समाज में प्रत्येक बच्चे को जीने का अधिकार है और ऐसी परिस्थितियों में पैदा हुए बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए शिशु पालना गृह स्थापित किए जा रहे हैं. विभाग ने शिशु पालना झूला पहुंचा दिया है, जिसे ट्रोमा सेंटर में रखवाया गया है. यह झूला आधुनिक यंत्रों से सुसज्जित है. झूला इतना सेंसेटिव है कि इस पर एक किलोग्राम वजन रखे जाने पर अलार्म बजने लगेगा. यानि माता-पिता द्वारा छोड़े गए बच्चे के 2 मिनट बादअलार्म बजेगा.