सीकर. जिले में आवारा कुत्तों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में यहां रेबीज का खतरा भी बढ़ रहा है. नगर पालिका और नगर परिषद प्रशासन आवारा कुत्तों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है. ऐसे में आवारा कुत्तों के काटने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. देखिये ये रिपोर्ट...
हालांकि अस्पतालों में रेबीज के टीकों की फिलहाल कोई कमी नहीं है. जिले के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में रेबीज के टीके मौजूद हैं. जिले की सभी सीएचसी पर भी रेबीज के टीके मौजूद हैं. इस वक्त भी सभी अस्पतालों में मिलाकर करीब 8000 टीके उपलब्ध हैं.
सीकर जिले की बात करें तो यहां पर पिछले साल 10105 लोगों को कुत्तों ने काटा. इस तरह हर दिल 27 लोगों को कुत्तों ने काटा. यह बड़ा आंकड़ा है. इतने मामले सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल किया रहता है कि अस्पतालों में वैक्सीन होना जरूरी है. सरकारी अस्पतालों में रेबीज की तीन तरह की वैक्सीन उपलब्ध हैं.
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1. रेबीज वैक्सीन इंट्रा मस्कुलर:यह इंजेक्शन मरीज के मांस में लगता है. फिलहाल अस्पतालों में इसकी 686 डोज मौजूद हैं. पिछले 2 साल में अस्पतालों में इस इंजेक्शन की 18680 डोज उपलब्ध करवाई गई हैं.