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प्रदेश के सरकारी गर्ल्स स्कूलों में 50 साल से कम उम्र के शिक्षकों की नो एंट्री, शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान - शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा

स्कूलों में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ऐलान किया है कि प्रदेश में जो भी सरकारी बालिका स्कूल है, उनमें या तो केवल महिला शिक्षक ही कार्यरत रहेंगी. अगर पुरुष शिक्षक नियुक्त करने की आवश्यकता हुई तो वे भी 50 साल के कम के नहीं होंगे.

सीकर सरकारी बालिका विद्यालय, Sikar Government Girls School, No recruitment of teachers below 50 years in sikar, सिकर में 50 साल से कम उम्र के शिक्षकों की भर्ती नहीं

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Published : Oct 19, 2019, 2:05 PM IST

सीकर.राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एक और बहुत बड़ा बदलाव करने जा रही है. यह बदलाव प्रदेश की बालिका स्कूलों में होने जा रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है और बहुत जल्दी ही यह बदलाव देखने को मिलेगा.

सरकारी बालिका स्कूलों में अब 50 से कम उम्र के शिक्षकों की नो एंट्री

बता दें कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ऐलान किया है कि प्रदेश में जो भी सरकारी बालिका विद्यालय है उनमें या तो केवल महिला शिक्षक ही लगाई जाएंगी या फिर अगर पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति होती हैं तो उनकी उम्र 50 साल से कम नहीं होनी चाहिए. डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में बालिका शिक्षा को लेकर यह कदम उठाया जा रहा है. जिससे कि बालिकाएं स्कूलों में अपने आपको ज्यादा सुरक्षित महसूस करें. उन्होंने कहा कि विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. बहुत जल्दी प्रदेश के बालिका स्कूलों में अगर पुरुष शिक्षक होंगे तो 50 साल से ज्यादा उम्र के ही होंगे. इससे कम उम्र के शिक्षकों का तबादला दूसरी जगह किया जाएगा.

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे शिक्षक प्रदेश भर में अच्छा काम कर रहे हैं और बालिका स्कूल से 50 साल से कम उम्र के शिक्षक हटाने के पीछे उनकी मंशा कतई गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि बालिकाओं को कोई समस्या नहीं हो और वह बेझिझक अपनी बात महिला शिक्षक को बता सकें. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बालिका विद्यालय में पिछले दिनों कुछ जगह छेड़छाड़ की घटनाएं हुई और यह घटनाएं बहुत ही शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि कुछ एक या दो टीचर की वजह से पूरे शिक्षा महकमे को बदनामी झेलनी पड़ी, इसलिए हम चाहते हैं कि इस तरह की घटनाएं आगे नहीं हो.

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