खण्डेला (सीकर). जिले का रींगस रेलवे स्टेशन इन दिनों रेल प्रशासन की दादागिरी के चलते दो भागों में बंटा हुआ है. कस्बे में कुल 35 वार्ड हैं, जिनमें से 20 पूर्व दिशा में हैं और 15 पश्चिम दिशा में हैं. बीच में रेलवे स्टेशन की सीमा आ जाती है, जिससे दोनों तरफ आने-जाने के लिए रेलवे स्टेशन की बाउंड्री को पार करना पड़ता है.
प्रतिष्ठान बंद कर व्यापारियों ने जताया विरोध रेलवे जंक्शन की पूर्व दिशा में नगर पालिका, बैंक, चिकित्सालय, जलदाय विभाग, पुलिस थाना, विद्युत विभाग, सरकारी और गैर सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय, श्याम मंदिर, भैरव मंदिर हैं. ऐसे में कस्बेवासी आरक्षण कार्यालय से चंद्र वाला बस स्टैंड तक एफओबी पुलिया का निर्माण, फाटक संख्या 107 और 108 पर अंडरपास के निर्माण की लगातार मांग कर रहे हैं. लेकिन रेल प्रशासन ने बीते 2 सालों में कोई ध्यान नहीं दिया. जिससे परेशान होकर बुधवार को कस्बेवासियों ने प्रतिष्ठान बंद कर रेलवे जंक्शन पर विरोध प्रदर्शन किया.
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स्टेशन अधीक्षक सुखदेव सिंह धायल को रेल मंडल प्रबंधक और रेल मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. वहीं मांग भी की, कि जल्द से जल्द एफओबी पुलिया और अंडरपास का निर्माण करवाया जाए, वर्ना आने वाली 26 दिसंबर से सांकेतिक धरना शुरू किया जाएगा. ये धरना एक बड़े आंदोलन का रुप भी ले सकता है. बता दें, कि कॉरिडोर फ्रेट ने पुलिया का निर्माण शुरू किया था, लेकिन उसे भी अधूरा छोड़ दिया गया है.
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कस्बेवासियों ने बताया, कि जंक्शन के निर्माण के समय रेल मंडल प्रबंधक की तरफ से निरीक्षण के दौरान कस्बेवासियों को एफओबी पुलिया और अंडरपास के निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन अब जंक्शन का निर्माण पूर्ण हो जाने के बाद रेल प्रशासन ने से उस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. इस पर कस्बे वासियों ने दोबारा ज्ञापन सौंपकर रेलवे से संबंधित सुविधाओं की मांग की है. इस दौरान पार्षद अशोक कुमावत, अमित शर्मा, कैलाश कुमावत, पंकज गर्ग, राजेश कोरखन्या, विष्णु चुलेट, गणेश राम यादव, रामजीलाल जांगिड़, विजय, फखरुद्दीन अगवान सहित सैकड़ों व्यापारी मौजूद थे.