राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Special: सीकर में संत की जीवित समाधि पर बना है भगवान शंकर का मंदिर, 215 साल से भर रहा लक्खी मेला

सीकर के फतेहपुर कस्बे में स्थित बुद्धगिरी जी महाराज की मढ़ी पर पिछले 215 साल से हर साल शिवरात्रि के दिन विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यह मेला यहां पर बुद्ध गिरी जी महाराज की जीवित समाधि से शुरू हुआ था और उसके बाद से अनवरत चल रहा है. देखें ये खास रिपोर्ट

shiv temple interesting story , fatehpur shiv temple facts
शेखावाटी का अनूठा शिवालय

By

Published : Mar 11, 2021, 4:40 PM IST

सीकर. महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर देशभर में अलग-अलग मान्यताएं हैं. देशभर में भोले के भक्त इस पर्व को अलग-अलग रीति-रिवाज से मनाते हैं. सीकर जिले में भी अलग-अलग जगह कई बड़े शिव मंदिर है और हर मंदिर की एक अलग कहानी है. ऐसी ही एक मान्यता है सीकर के फतेहपुर कस्बे में स्थित बुद्धगिरी जी महाराज की मढ़ी की. यहां पर पिछले 215 साल से हर साल शिवरात्रि के दिन विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यह मेला यहां पर बुद्ध गिरी जी महाराज की जीवित समाधि से शुरू हुआ था और उसके बाद से अनवरत चल रहा है. देखें ये खास रिपोर्ट

बुद्धगिरी जी महाराज की मढ़ी पर 215 साल से हर साल शिवरात्रि पर विशाल मेला लगता है...

कहा जाता है कि सीकर के फतेहपुर के बीहड़ में बुध गिरी जी महाराज ने तपस्या की थी. आज से 215 वर्ष पहले उन्होंने यहां पर जीवित समाधि ली थी और जिस दिन समाधि ली वह शिवरात्रि का दिन था. शिव भक्ति में लीन संत की जीवित समाधि शिवरात्रि के दिन हुई और उसके बाद से हर साल यहां पर मेला भरना शुरू हो गया. सीकर जिले के अलावा शेखावाटी के सभी इलाकों से यहां पर मेले में धोक लगाने लाखों श्रद्धालु आते हैं. सुबह से शुरू हुआ मेला देर रात तक चलता है. मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान भोले का आशीर्वाद मिलता है.

जीवित समाधि की जगह बनाया शिवालय...

जिस जगह पर संत ने जीवित समाधि ली थी, वहां पर शिवालय बनाया गया है और भगवान शिव की पूजा की जाती है. इसके साथ साथ बुद्ध गिरी महाराज की मूर्ति भी लगाई गई है. यहां पर भगवान की शिव की पूजा को विशेष माना जाता है.

भगवान शंकर का मंदिर...

पढ़ें:राजस्थान के 'अमरनाथ धाम' का त्रेता युग से जुडा है रिश्ता, यहीं भोलेनाथ ने दिया था परशुराम को दिव्य शस्त्र

हिंगलाज माता का मंदिर भी है यहां...

बुध गिरी जी महाराज की जहां पर मढ़ी बनाई गई है. यहां पर हिंगलाज माता का मंदिर भी है. बताया जाता है कि बुध गिरी जी महाराज खुद पाकिस्तान के इलाके से हिंगलाज माता की मूर्ति लेकर आए थे. और यहां पर मंदिर बनाया था. आज भी हिंगलाज माता का मंदिर या तो पाकिस्तान में है या फिर यहां पर है.

चंग ढप भी इसी दिन से होता है शुरू...

होली के पर्व पर शेखावाटी इलाके की सबसे बड़ी खासियत और पहचान यहां के चंग ढप के कार्यक्रम होते हैं. यह कार्यक्रम भी इसी मेले के साथ शुरू होते हैं. मेले के दिन सभी कलाकार यहां पर अपनी अपनी मंडली लेकर आते हैं और प्रस्तुति देते हैं. इसके बाद होली तक हर गली मोहल्ले में यह कार्यक्रम चलते हैं, लेकिन शुरुआत करने के लिए इसी मेले को चुना जाता है.

मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं...

शहर में नहीं आते हैं गद्दी नरेश...

बुध गिरी जी महाराज की गद्दी को लेकर और मान्यता है कि यहां पर जो भी महंत बैठते हैं, वह फतेहपुर शहर के अंदर नहीं जाते है. इसके पीछे मान्यता है कि एक बार खुद बुध गिरी महाराज भिक्षा के लिए शहर में गए थे, तब किसी ने उनको टोक दिया था. इसके बाद वे कभी शहर में भिक्षा लेने नहीं गए और अपने आसन से नहीं उठे. आज भी यहां पर बैठने वाले महंत शहर के अंदर नहीं घुसते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details