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जज्बे को सलामः पत्नी, बेटे और बहू से खाना बनवाकर हर रोज जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं ये थानाधिकारी - police officer delivering food

कोरोना संक्रमण के विपदा वाले इन दिनों में सबसे ज्यादा जरूरी है सुरक्षित बचे रहना. इसके लिए घरों में ही रहने, सफाई का ध्यान रखने के साथ भोजन भी महत्वपूर्ण है. लेकिन जब जीवन, सेहत और भूख दांव पर लगी हो तो हम सभी सक्षम लोगों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है. आज हम रूबरू करवातें हैं एक ऐसे ही थानाधिकारी से जो कर रहे जरूरतमंद लोगों की मदद.

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एक कोरोना फाइटर्स जरूरतमंदों तक पहुंचा रहा खाना...

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Published : Apr 16, 2020, 1:26 PM IST

सीकर.देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संकट के बीच पुलिसकर्मी, चिकित्सा कर्मी और सफाईकर्मी लगातार अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं. पुलिसकर्मी तो 1 दिन में 15 से 16 घंटे तक लगातार नाकाबंदी में खड़े रहते हैं. इसके बाद भी सीकर में एक थानाधिकारी ऐसे हैं, जो खुद पूरे दिन नाकाबंदी और 15 से 16 घंटे की ड्यूटी के बाद पीड़ित लोगों की सेवा भी कर रहे हैं.

एक कोरोना फाइटर्स जरूरतमंदों तक पहुंचा रहा खाना...

इनकी सेवा की खास बात यह है कि ये किसी से मदद नहीं ले रहे हैं. इसका खर्चा भी खुद लगा रहे हैं और पूरा काम भी अपनी पत्नी, बेटे और पुत्रवधू से करवा रहे हैं. आपको बता दें कि जब से देश में लॉकडाउन शुरू हुआ है, तभी से सीकर स्थित दादिया थाना के थाना अधिकारी चेतराम चौधरी अपने सरकारी आवास पर हर दिन करीब 100 लोगों का खाना तैयार करवा रहे हैं. यह खाना वे अपने खुद के और अपने बेटे के खर्चे पर तैयार करवा रहे हैं.

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खासबात यह है कि खाना बनाने के लिए भी बाहर से कोई नहीं आता है, इनकी पत्नी, बेटा और पुत्रवधू मिलकर खाना तैयार करते हैं. 100 लोगों का खाना तैयार करने में उन्हें 4 से 5 घंटे लगते हैं. खाना तैयार होने के बाद थानाधिकारी खुद गाड़ी में ले जाकर खाना वितरित करके आते हैं.

थानाधिकारी चेतराम बताते हैं कि उनका थाना सीकर जिले के झुंझुनू सीमा पर स्थित है. इस सीमा को पूरी तरह से सील किया हुआ है. इसलिए पूरे दिन उन्हें नाकाबंदी में भी खड़ा रहना पड़ता है. इसके बाद भी उन्होंने और उनके परिवार ने गरीब लोगों की मदद करने की ठान रखी है.

सुबह से शाम तक उन्हें गस्त में ही रहना पड़ता है और रात को भी देर रात तक ड्यूटी करते हैं. लेकिन बीच में जाकर खाना जरूर वितरित करके आते हैं. इंजीनियर बेटा और लेक्चरर पुत्रवधू बनाते हैं खाना. चेतराम का बेटा विजेंद्र दिल्ली में इंजीनियर है और उसकी पत्नी निशा व्याख्याता हैं. इसके बाद भी ये दोनों खाना बनाने में जुटे रहते हैं.

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