सीकर.पंचायत चुनाव राजनीति की धुरी माना जाता है और जब यह चुनाव जिला परिषद और जिला प्रमुख के पद का हो तो फिर बहुत बड़ा चुनाव हो जाता है. जिला प्रमुख को जिले का प्रथम नागरिक भी माना जाता है. सीकर में सबसे पहले साल 1959 में रामदेव सिंह महरिया जिला प्रमुख बने. उसके बाद से लगातार अब तक महरिया परिवार की राजनीति का दबदबा रहा है.
बता दें कि रामदेव सिंह महरिया खुद प्रदेश में मंत्री रहे. उसके बाद उनके परिवार से सुभाष महरिया केंद्र में मंत्री रहे और नंदकिशोर महरिया विधायक रहे. साल 1962 में चौधरी नारायण सिंह सीकर के जिला प्रमुख बने और लगातार 15 साल तक जिला प्रमुख के पद पर रहे. इसके बाद चौधरी नारायण सिंह राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने और साथ ही साथ मंत्री भी रहे. अभी भी उनके पुत्र सीकर के दातारामगढ़ से विधायक हैं. इसके अलावा नारायण सिंह की पुत्रवधू डॉक्टर रीटा सिंह भी सीकर के जिला प्रमुख रहीं. सीकर के जिला प्रमुख रहने वाले सांवरमल मोर, जो साल 1988 में जिला प्रमुख बने थे, वे भी पहले विधायक रहे हैं. वहीं साल 2005 में जिले की पहली महिला जिला प्रमुख बनने वाली मल्ली देवी गुर्जर अनपढ़ थी. उसके बाद साल 2010 में जिला प्रमुख बनने वाली रीटा सिंह पीएचडी डिग्री धारी थी.
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जब कहा मैं जिला परिषद बन गई?