राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

अनोखी पहल : ससुर ने अपनी बहू को बेटी मानकर 'दहेज' में दी कार, समाज ने कहा- ये अच्छे संस्कार

दहेज की आग में अक्सर आपने लड़कियों को झुलसते ही देखा होगा. दहेज एक ऐसी कुप्रथा है जिसके कारण ज्यादातर परिवारों में कन्या भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं, क्योंकि ऐसी परिस्थिति में बेटियों को बोझ समझ लिया जाता है. लेकिन इन सब कुरीतियों को जवाब देते हुए सीकर के रहने वाले इस शख्स ने न केवल दहेज लेने से इंकार किया, बल्कि शादी के बाद खुद बहू को तोहफे में कार दी है.

sikar latest news, sikar news, सीकर ताजा खबर, राजस्थान न्यूज
ससुर ने बहू को तोहफे में दी कार

By

Published : Feb 1, 2020, 5:38 PM IST

Updated : Feb 1, 2020, 6:00 PM IST

सीकर.दहेज प्रथा कहीं न कहीं आज भी हमारे समाज में कायम है. दहेज ने न जाने कितने मां-बाप से उनकी संतानें छीनी है. इस लालच की आग में अक्सर लड़कियों का पूरा जीवन नरक बन जाता है और फिर बेटियां पिता पर बोझ बनने लगती हैं. इन सभी बातों को झुठलाते हुए एक ससुर ने इस कुप्रथा को मुंहतोड़ जबाव देते हुए न केवल दहेज लेने से मना किया, बल्कि अनपी नई बहू को खुद कार गिफ्ट की.

ससुर ने बहू को तोहफे में दी कार

रिटायर्ड प्रधानाचार्य हैं ससुर...

दरअसल, सीकर के प्रकाश चंद जाखड़ लक्ष्मणगढ़ इलाके के रहनावा गांव के रहने वाले हैं. प्रकाश पेशे से एक रिटायर्ड प्रधानाचार्य हैं. 2 दिन पहले ही उनके बेटे सुधीर जाखड़ की शादी तिड़ोकी छोटी गांव की प्रीति कस्वा के साथ हुई है. प्रकाश का बेटा सुधीर जाखड़ भूगोल विषय में पीएचडी कर रहा है और प्रीति भी एमए की छात्रा है. प्रधानाचार्य का बेटा पीएचडी होल्डर है और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित हो चुका है. इस बेटे की शादी में न केवल दहेज लेने से मना कर दिया, बल्कि दुल्हन को एक कार भी गिफ्त की है.

यह भी पढे़ं- बजट 2020 पर लोगों ने रखी अपनी प्रतिक्रिया

ससुर प्रकाश चंद जाखड़ का कहना है कि अगर हर ससुर अपनी बहू को अपनी बेटी माने और दहेज लेने से मना करे तो कोई भी बेटी अपने पिता पर बोझ नहीं होगी.

बेटे ने 4 महिलाओं की बचाई थी जान...

प्रकाश के बेटे सुधीर के गांव में एक बार एक कच्चे घर में आग लग गई थी. उस वक्त स्कूल में पढ़ने वाले सुधीर ने अपनी जान की परवाह किए बिना 4 महिलाओं की जान बचाई थी. इस कार्य के लिए सुधीर को 2007 में गणतंत्र दिवस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सम्मानित किया था.

प्रकाश और उनके बेटे के इस कदम ने हमारे संकुचित समाज को एक नई दिशा प्रदान की है. अगर हर परिवार बहुओं को बेटियों का दर्जा दे तो, समाज की कई बुराईयों को खत्म किया जा सकता है. ईटीवी भारत भी प्रकाश और उनके बेटे के इस अनूठे कदम की सराहना करता है.

Last Updated : Feb 1, 2020, 6:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details