सीकर.दीपावली के त्यौहार पर मां लक्ष्मी का पूजन देशभर में किया जाता है और धन की देवी की पूजा को लेकर देशभर में अलग-अलग मान्यताएं हैं. लेकिन इन सभी मान्यताओं के साथ सीकर जिले का एक मंदिर इन दिनों काफी चर्चा में है. यह मंदिर कोई बहुत ज्यादा पुराना नहीं है और पिछले 1 साल से ही चर्चा में आया है. यह मंदिर है सीकर जिले के खाटूश्यामजी इलाके में डूकिया गांव में.
महालक्ष्मी मनोकामना पूर्ण मंदिर का निर्माण जनवरी 2018 से शुरू हुआ था. इसके बाद पिछली दिवाली को बताया जा रहा है कि यहां पर मां लक्ष्मी का प्रवेश हुआ और उनके पैरों के निशान बने हुए हैं. खास बात यह है कि मंदिर का निर्माण हुआ उस वक्त भी जहां जमीन से ही मां लक्ष्मी की मूर्ति निकली थी. रातों-रात सुर्खियों में आए इस मंदिर में आज हजारों श्रद्धालु आने लगे हैं और अब तो यहां पर करोड़ों रुपए का काम चल रहा है.
पढ़ें-दिवाली विशेष: जोधपुर में अनोखी परंपरा, धनतेरस पर मिट्टी के रूप में धन घर ले जाते हैं लोग
जानकारी के मुताबिक जनवरी 2018 में यहां जमीन से मां लक्ष्मी की मूर्ति मिली. इसके बाद ग्रामीणों ने यहां पर मंदिर बनवा दिया, लेकिन पिछली दिवाली के बाद रातों-रात मंदिर सुर्खियों में आ गया. ग्रामीणों का दावा है कि पिछली दिवाली को इस मंदिर में लक्ष्मी का साक्षात प्रवेश हुआ और पैरों के निशान बन गए.
दिवाली पर मां लक्ष्मी के आने का दावा
मंदिर में पिछली दिवाली की रात मां लक्ष्मी के आने की गवाही पूरा गांव दे रहा है. मंदिर पुजारी राजू शर्मा ने बताया कि दिवाली पर दर्शनों के लिए उन्होंने रात को मंदिर के पट खुले छोड़ दिए थे. लेकिन, देर रात पट अपने आप अंदर से बंद हो गए. खोलने की कोशिश पर भी नहीं खुले. चर्चा फैली तो गांव के काफी लोग सुबह तक मंदिर पहुंच गए. बाद में एक कारीगर को बुलाकर दरवाजा तुड़वाया गया. अंदर देखा तो मूर्ति के सामने मेहंदी और चंदन लगे पांव उभरे हुए दिखाई दिए. इसके बाद से दिवाली पर मां लक्ष्मी मंदिर में आई थी. यह मान भक्तों की श्रद्धा और हुजूम यहां और बढ़ने लगा.