सीकर.पहले से ही घाटे में चल रही राजस्थान रोडवेज को कोरोना वायरस ने भी बड़ा झटका दिया है. लॉकडाउन की वजह से काफी समय तक बसें बंद रहीं और जब संचालन शुरू हुआ, इसके बाद से अब तक हालात ज्यादा नहीं सुधर पाए. सीकर डिपो की बात करें तो रोडवेज की काफी बसें बंद पड़ी हैं और अकेले डिपो में हर दिन 10 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. वहीं, जो बसें चल रही हैं उनमें भी आमदनी नहीं हो रही, जितनी होनी चाहिए थी.
डिपो से बसों की संचालन की बात की जाए तो यहां से कोरोना वायरस के दौर से पहले 119 रूट पर बसें संचालित हो रही थी. लॉकडाउन में सभी रोडवेज की बसें बंद हो गईं और उसके बाद धीरे-धीरे इसे वापस शुरू किया गया, लेकिन अभी भी 57 रूटों पर ही रोडवेज की बसें चल रही हैं. सीकर डिपो की रोडवेज बसें हर दिन लॉकडाउन से पहले 48 हजार किलोमीटर चल रही थी, लेकिन फिलहाल 24 हजार किलोमीटर ही गाड़ियां चल रही हैं.
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सीकर आगार की आय की बात करें तो पहले हर दिन करीब 16 लाख रुपये की आय हो रही थी, वहीं अब केवल 6 लाख रुपये ही हर दिन आ रहे हैं. यानी कि हर दिन 10 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है और इस वजह से रोडवेज की हालत और ज्यादा खस्ता हो रही है. जबकि 127 में से 70 बसें चल रही हैं. ऐसे में आय काफी कम हो रही है.
सीकर डिपो के मुख्य प्रबंधक इंदिरा गोदारा का कहना है कि पहले से ही रोडवेज घाटे में चल रही थी और उसके बाद भी उम्मीद के मुताबिक पैसा नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यात्री भार नहीं बढ़ रहा है.
यह है बसों की स्थिति...