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स्पेशल: सीकर में सैकड़ों बिल्डिंग, फायर सिस्टम तो दूर NOC तक नहीं

सीकर नगर परिषद की अनदेखी के चलते शहर में सैकड़ों बिल्डिंग के पास फायर सिस्टम तो दूर एनओसी तक नहीं है. कोचिंग संस्थानों और होटलों का भी कमोबेश यही हाल है. देखिए सीकर से स्पेशल रिपोर्ट...

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सीकर नगर परिषद की अनदेखी

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Published : Dec 14, 2019, 7:10 PM IST

सीकर.देश में कहीं भी आगजनी की बड़ी घटना होती है तो फायर सिस्टम पर सवाल उठते हैं. हर शहर में फायर सिस्टम को लेकर अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन उसके बाद भी होता कुछ नहीं है. सीकर शहर में नगर परिषद की अनदेखी की वजह से सैकड़ों कॉम्प्लेक्स बिना फायर सिस्टम और NOC के बन गए. ना तो इन्होंने बिल्डिंग बनाने से पहले NOC ली और ना बनाने के बाद फायर सिस्टम लगाना उचित समझा.

सैकड़ों बिल्डिंग के पास फायर सिस्टम तो दूर एनओसी तक नहीं

शहर में 70 से ज्यादा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग
सीकर शहर में बड़ी-बड़ी इमारतें बिना फायर सिस्टम के बनी हुईं हैं. नगर परिषद का खुद का आंकलन है, कि शहर में 70 से ज्यादा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनी हुई हैं. इनमें से महज एक को ही नगर परिषद की ओर से फायर एनओसी मिली हुई है. इसके अलावा सभी भवन बिना एनओसी के ही बना दिए गए. यहां तक, कि भवन बनने के बाद भी कहीं भी फायर सिस्टम नहीं लगाए गए. इन कॉम्प्लेक्स में कई बड़े शो रूम, रेस्टोरेंट या दूसरे संस्थान चल रहे हैं. इसके बाद भी नगर परिषद ने कभी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की.

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हर बार नोटिस की खानापूर्ति
जब भी देशभर में कोई बड़ा आग्निकांड होता है तो नगर परिषद भी शहर में अभियान चलाने का दावा करती है. बिल्डिंग मालिकों को नोटिस जारी किए जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती. इस बार दिल्ली में हुए अग्निकांड के बाद भी नगर परिषद ने 60 बिल्डिंग के मालिकों को नोटिस जारी किए थे और 24 घंटे में फायर सिस्टम दुरस्त करने का आदेश दिया था, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं. शहर में कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल में भी फायर सिस्टम नहीं है.

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कौन होगा जिम्मेदार?
सीकर शहर में बने कॉन्प्लेक्स में बड़ी-बड़ी कोचिंग संस्थान चल रहीं हैं. इनमें देशभर से हजारों बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं, जबकि इनमें किसी ने भी फायर सिस्टम नहीं लगाया है. ऐसे में सवाल ये उठता है, कि अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

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