नागौर.एक ओर राजनीतिक लिहाज से हमेशा चर्चा में रहने वाले नागौर की दूसरी नई पहचान गो चिकित्सालय है. नागौर के विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय जहां बीमार गायों को निशुल्क उपचार दिया जाता है. दरअसल नागौर में 12 साल पहले बना यह गौ चिकित्सालय अब इतना बड़ा हो चुका है और इतना अनूठा है कि इसमें अब एक साथ 15 सौ बीमार गायों को रखा जा सकता है. यहां बीमार गाय जिसमें चाहे वह घायल हो या फिर उसका कोई अंग भंग हो. उसका पूरा इलाज किया जाता है. अगर किसी गाय का इलाज होना संभव नहीं होता है तो तब तक इस गो चिकित्सालय में उसकी सेवा और इलाज किया जाता है. जब तक कि उसकी मृत्यु ना हो जाए. वहीं स्वस्थ हो जाने पर उसे वापस उसके मालिक को दे दिया जाता है.
18 एंबुलेंस हर समय जानवरों के लिए तैयार
इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति बीमार गाय लाकर इस गो चिकित्सालय में देता है तो उसे उसके बदले में स्वस्थ गाय दे दी जाती है. दुर्गेश गो चिकित्सालय में एक साथ अट्ठारह सौ बीमार गायों को रखने की क्षमता है और इन बीमारियों के उपचार भी पूरे आधुनिक तरीके से किया जाता है. बकायदा गायों के लिए ऑपरेशन थिएटर से लेकर आईसीयू तक बने हुए हैं. यहां पर लगी 18 एंबुलेंस हर समय बीमार गायों और जानवरों को लाती रहती है और 200 किलोमीटर तक भी यदि किसी व्यक्ति का फोन बीमार गाय को लेकर आता है तो वहां से भी यह एंबुलेंस बीमार गाय को लेकर आती है. इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति बीमार गाय को अपने खर्च से इस गो चिकित्सालय में लेकर आता है तो उसका भुगतान भी उस व्यक्ति को किया जाता है.