नागौर. पक्षियों के प्रेम की कहानियां हम आए दिन सुनते हैं. ये कहानियां प्रकृति के साथ हमारे जुड़ाव को और घनिष्ठ बनाने के लिए प्रेरणा देती हैं. आज हम आपको पक्षी प्रेम की ऐसी ही एक अद्भुत कहानी (Story of Relationship Between Birds and Humans) बताने जा रहे हैं, जहां मूक पक्षियों और मनुष्य के बीच का रिश्ता देख हर कोई कहता है कि ये अविश्वसनीय है. नागौर जिले के परबतसर तहसील के गांव पीह में 3 हजार कबूतरों के लिए अनूठा बर्ड हाउस बना हुआ है. 65 फीट ऊंचे और 7 फ्लोर वाले इसे हाउस में दिन-रात हजारों कबूतरों की गूंज सुनाई देती है.
इन कबूतरों के पालन के लिए हर महीने 3 लाख रुपए के आनाज (Grains for Pigeon in Peeh) लाए जाते हैं. 24 घंटे इनके लिए दाना-पानी की व्यवस्था बनी रहती है. करीब 20 युवाओं की टीम हर पल इन कबूतरों की निगरानी करते रहते हैं. परबतसर के गांव पीह में बनाया गया बर्ड हाउस पक्षियों से प्रेम की नजीर बन चुकी है.
नागौर जिले के पीह गांव स्थित कबूतरशाला बर्ड हाउस में खर्च हुए 8 लाख रुपए : अजमेर की चंचलदेवी बालचंद लुणावत ट्रस्ट की ओर से पीह गांव में बनवाए गए इस 65 फीट ऊंचे 7 फ्लोर के बर्ड हाउस में (Pigeon House in Nagaur) करीब 8 लाख रुपए खर्च हुए हैं. यहां पक्षियों के लिए बनी ऊंची ईमारत में 7 फ्लोर हैं. इस अनूठे बर्ड हाउस में अलग-अलग फ्लोर पर एक साथ करीब 3 हजार पक्षियों के रहने की व्यवस्था है. इसके अलावा नीचे बनाए गए फ्लोर पर 24 घंटे लगातार इनके लिए दाना-पानी भी मौजूद रहता है. जैन संत रूप मुनि की प्रेरणा से वर्धमान गुरु कमल कन्हैया विनय सेवा समिति के पीह के सदस्यों और 18-20 युवाओं की टीम की निगरानी में यह हाउस बना है.
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भामाशाह से मिली एक करोड़ रुपए की लागत से दो बीघा जमीन पर सेवा समिति के माध्यम से बनाए गए बर्ड हाउस में बच्चों के खेलने के लिए पार्क हैं. बुजुर्गों के लिए प्रार्थना कक्ष भी बनाया गया है. सुबह-शाम गांव के बुजुर्ग कबूतरों को दाना डालने के बाद एकत्रित होकर भजन कीर्तन करते हैं. इसके आसपस 400 पेड़-पौधे भी लगाए गए हैं. इनमें से 100 पेड़ अशोक के हैं ताकि पक्षियों को प्राकृतिक माहौल मिल सके.
नागौर जिले के पीह गांव स्थित कबूतरशाला रोजाना 5-6 बोरी आनाज खिलाया जाता है : बताया जाता है कि बर्ड हाउस में रोजाना 5 -6 बोरी अनाज कबूतरों को खिलाया जाता है. अनाज रखने के लिए बड़े गौदाम हैं. अध्यक्ष नथमल दुग्गड़ ने बताया कि अभी हर महीने चार से पांच बार पिकअप से अनाज अजमेर की मंडी से आता है. जिसकी अनुमानित लागत हर महीने करीब 3 लाख रुपए हैं. अब बर्ड हाउस बनने से पक्षियों के लिए दाने-पानी की खपत और भी बढ़ेगी.
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पक्षियों के लिए वाटर पूल : नथमल दुग्गड़ ने बताया कि यहां पक्षी घर के अलावा पक्षियों के पानी पीने के लिए एक वाटर पूल का भी निर्माण (Water Pool for Birds in Parbatsar) कराया गया है. सेवा समिति के कोषाध्यक्ष अनिल बताते हैं कि सन 2014 में बर्ड हाउस का निर्माण हुआ था. इसमें करीब एक करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. उन्होंने बताया कि अजमेर के चंचल देवी लुणावत ट्रस्ट ने हाल ही में 65 फीट ऊंचा बर्ड हाउस बनवाया है. कई धरमार्थी पक्षियों के दाने पानी की व्यवस्था करते हैं.
यहां प्रार्थना कक्ष भी बनाया गया है...