नागौर.जिले के साथ ही पूरे प्रदेश में वाटर होल पद्धति से हर साल वन्य जीवों की गणना की जाती है. इस पद्धति में वन विभाग के कर्मचारी और वन्य जीवों में रुचि रखने वाले स्वयंसेवक जंगल में मौजूद पानी के स्रोतों के पास 24 घंटे निगरानी रखते हैं और वन्य जीवों की गणना करते हैं. इस पद्धति से जिले में वन्य जीवों की संख्या का आंकलन किया जाता है. इस साल जून के महीने में पूर्णिमा की चांदनी रात में जिलेभर में वन्य जीवों की गणना की गई थी. इस गणना में जिले में चिंकारा और काले हिरण जैसे वन्य जीवों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, लेकिन राष्ट्रीय पक्षी मोर की संख्या अपेक्षाकृत कम पाई गई है.
मोर की संख्या में कमी आने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि जिले में मोर ग्रामीणों के साथ इस हद तक घुल मिले रहते हैं कि उन्हें दाना-पानी भी गांवों से ही मिल जाता है. इसलिए मोर पानी और दाने की तलाश में जंगल की तरफ कम ही रुख करते हैं, लेकिन फिर भी वन्य जीव गणना में मोरों की तादाद अपेक्षाकृत कम आना वन विभाग के साथ ही जिला प्रशासन के लिए भी चिंता का कारण बन गया है. इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि गांव-गांव जाकर मोरों की संख्या का सटीक आंकलन किया जाएगा.
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वन विभाग के उपवन संरक्षक ज्ञानचंद मकवाना बताते हैं कि हर साल आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन वन्य जीवों की गणना की जाती है. लेकिन इस बार एक महीने देरी से यानी ज्येष्ठ की पूर्णिमा पर वाटर होल पद्धति से वन्य जीवों की गणना की गई थी. इसके लिए जिले में 110 वाटर होल चिह्नित कर वहां वन विभाग के 240 कर्मचारियों को तैनात किया गया है. इन्होंने 24 घंटे तक पानी के स्रोतों पर निगरानी रखकर वन्य जीवों की गिनती की.
आंकलन में सामने आया है कि जिले में काला हिरण और चिंकारा बहुतायत में हैं. जहां 3086 चिंकारा इस गणना के दौरान जिले में दिखाई दिए. वहीं, 5,199 काले हिरण भी वन कर्मियों को नजर आए. वन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि जिले में पानी के स्रोतों के आसपास 8,656 मोर भी दिखाई दिए. हांलाकि वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जिले में राष्ट्रीय पक्षी मोर की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा है. इसलिए अब सर्दियों में मोरों की वास्तविक संख्या का आंकलन करने की कवायद शुरू की जा रही है. उपवन संरक्षक बताते हैं कि आगामी सर्दी में वन विभाग के कर्मचारी गांव-गांव जाकर मोर की गणना करेंगे. इससे जिले में मोरों की संख्या का सटीक आंकलन करने में आसानी होगी.