नागौर.जिले के बीकानेर रेलवे फाटक और मानासर रेलवे फाटक पर बन रहे आरओबी के निर्माण की गति काफी धीमी है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. बता दें कि इसी से परेशान होकर नागौर के टैम्पो यूनियन के अध्यक्ष रूप सिंह ने जनहित याचिका दायर की. इस पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्माण करने वाले मेकर्स नानक इंजीनियरिंग सर्विस और राष्ट्रीय राजमार्ग को दो सप्ताह में शपथ पत्र के साथ पेश होने आदेश दिए है.
बता दें कि आरओबी निर्माण कार्य काफी दिन पहले शुरू हो गया था, लेकिन आज तक इस रोड पर चलने के लिए न तो सर्विस लाइन बनाई गई है और न ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई दूसरा रास्ता निकाला गया है. एक कच्चा रास्ता है उस पर भी धूल ही उड़ती है. फाटक पर हालात ऐसे है कि ट्रेन के निकलने के बाद रेलवे का गेटमैन ही वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करता दिखाई देता है. 40 हजार के करीब लोग इस फाटक का उपयोग करते है. सर्विस लेन नहीं होने से परेशानी होती है. टैंपों और चार पहिया वाहन तो फाटक के पास ही बने कच्चे रास्ते से होते हुए बीकानेर हाइवे पर पहुंचते है. कोतवाली के पास से भी एक मार्ग है जो सीधे हाइवे पर निकलता है. ओवरब्रिज निर्माण करवाने वाली फरीदाबाद की मेकर्स गुरूनानक इंजीनियरिंग सर्विस है.
गौरतलब है कि नागौर रोड़ से होकर जोधपुर-दिल्ली रेलमार्ग गुजर रहा है. नागौर रोड़ पर यातायात का भारी दबाव रहता है. ट्रेनों के गुजरने के दौरान फाटक बंद होने से सड़क के दोनों और अनेकों वाहन थम जाते हैं. इस आरओबी के बनने से जहां बार-बार रेलवे फाटक के बंद होने से वाहनों को जाम से मुक्ति मिलेगी, वहीं उनके समय की भी बचत होगी.