नागौर. कोरोना महामारी का असर अब हर तरह के व्यापार में देखने को मिल रहा है. जहां राजस्थान पथ परिवहन निगम की ओर से संचालित नागौर रोडवेज डिपो की सभी रोडवेज बसों के चक्के थम गए हैं और आखातीज पर जो रोडवेज को कमाई की उम्मीद थी, उन पर भी पानी फिर गया है. रोडवेज डिपो नागौर को करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया है. कोरोना महामारी ने रोडवेज की कमर तोड़ दी है.
लॉकडाउन के चलते थमे रोडवेज के पहिए कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर रोडवेज की कमर तोड़ दी है. साल के 4 माह बीत गए हैं और कमाई के नाम पर कुछ खास उम्मीद नहीं बंध पाई है. अब आखातीज पर कमाई का दिन आया तो सख्त लॉकडाउन की घोषणा से रोडवेज प्रबंधन मायूस है. रोडवेज की 60 बसों के चक्के थम गए हैं. संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरकारी परिवहन के साधनों पर ब्रेक लगाने का सरकार ने निर्णय किया है. इससे रोडवेज पर संकट के बादल मंडरा गए हैं. लोगों के लिए रोडवेज यात्रा का एकमात्र साधन है.
इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ सभी साधन रहेंगे बंद इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ सभी साधन रहेंगे बंद
नागौर में आज से सख्त लॉकडाउन शुरू हो गया है. यह लॉकडाउन 24 मई तक लागू रहेगा. नए लॉकडाउन में पहले से चली आ रही पाबंदियों को और कड़ा किया है. नागौर जिले के सभी हाईवे पर आने जाने के साधनों पर रोक है. निजी और रोडवेज की बसें बंद कर दी हैं. इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ प्राइवेट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सभी साधन बंद हैं. नागौर जिले की धार्मिक स्थल, बाजार पहले की तरह ही बंद हैं.
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घर से बेवजह बाहर निकलने वालों को नागौर पुलिस सीधे क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज रही है, रिपोर्ट निगेटिव आने तक वहीं रहना होगा. जिले मे सभी 500 ग्राम पचायतों में मनरेगा के कार्य बंद कर दिए हैं.
नागौर जिले में फल, सब्जी, दूध, किराना जैसे आम जरूरत की चीजें खुली हुई और बंद रहने का समय पहले वाला ही रहेगा. पुलिस की सख्ती के कारण नागौर शहर सहित जिले के सभी शहरों व गांवों के बाजारों व मुख्य मार्ग पर सन्नाटा पसरा हुआ है. लोगों की बेवजह आवाजाही पर भी अंकुश लगा रही है.