खींवसर (नागौर).राजस्थान में एसीबी (ACB) की टीम भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों ट्रैप करती है. लेकिन अपने रसूख और सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाकर भ्रष्टाचारी आरोप मुक्त हो जाते हैं और फिर से भ्रष्टाचार का खेल खेलने लगते हैं. ये बात नागौर के खींवसर में सच साबित हुई है. जोधपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने एक रिश्वतखोर पटवारी को 7000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. यही पटवारी श्रवण राम साल 2011 में भी रिश्वत लेते ट्रैप हुआ था.
जोधपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में जोधपुर की बावड़ी तहसील के लवेरा खुर्द के निवासी परिवादी जीवन राम निम्बारिया की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी. जोधपुर ग्रामीण एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह के मुताबिक परिवादी ने बताया था कि उसके पिता की कृषि भूमि खींवसर में है. इस जमीन का भाइयों में बंटवारा होना था. इसके लिए नामांकन दर्ज करवाने की बात हल्का पटवारी श्रवण राम खुडीवाल से की गई. पहले तो पटवारी ने एक महीने तक टालमटोल किया. इसके बाद 25 मई को 10000 रुपये लेकर बंटवारे का नामांकन दर्ज कर लिया. लेकिन अलग-अलग भाइयों के नाम से तरमीम, जो लट्ठे पर अंकित करनी थी, उसकी एवज में फिर 10000 रुपये की रिश्वत की डिमांड की गई.