नागौर.नगर परिषद काफी लंबे समय से चर्चाओं में है. कभी भू-माफियाओं का मामला, कभी घुसपैठ की खबर तो कभी सभापति और पार्षदों के बीच हुई हाल में आपसी खींचतान को लेकर. ऐसे में अब एक बार फिर नागौर नगर परिषद सुर्खियों में बना हुआ है.
नागौर नगर परिषद में शह मात का खेल बता दें कि नागौर नगर परिषद में उठापटक की वजह उपखंड अधिकारी का औचक निरीक्षण करना है. दरअसल, उपखंड अधिकारी अमित कुमार चौधरी ने अपनी टीम के साथ नागौर नगर परिषद का निरीक्षण किया. इस दौरान परिषद में कई प्रकार को अनियमितताओं को उजाकर किया. इनका मकसद था नागौर नगर परिषद से संबंधित लोक सेवा गारंटी अधिनियम- 2011 और सुनवाई का अधिकार अधिनियम- 2012 के तहत सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं का सफल और प्रभावी क्रियान्वयन हुआ है या नही. साथ ही जनहित से संबंधित कार्यों को समय पर निपटाने और आमजन को राहत देना, फिलहाल इस टीम की कार्रवाई का उद्देश्य बताया जा रहा है.
नागौर नगर परिषद के सभापति मांगीलाल भाटी और कुछ पार्षदों के बीच हुई तकरार का मामला अब फिर चर्चाओं का विषय बन चुका है. नागौर जिला प्रशासन को ज्ञापन के जरिए जानकारी मिली थी कि नियमन शाखा, स्टेट ग्रांट एक्ट शाखा और भूमि रूपांतरण शाखा में कई पत्रावलियां गायब हैं और कई नियम विरुद्ध कार्य किए जा रहे हैं.
यह भी पढ़ेंःनागौरः पंचायत समिति में सरपंच संघ की बैठक, टेंडर प्रक्रिया का जताया विरोध
उपखंड अधिकारी अमित चौधरी के नेतृत्व में नागौर नगर परिषद के नियमन शाखा, स्टेट ग्रांट एक्ट शाखा और भूमि रूपांतरण शाखा का भौतिक सत्यापन करने के दौरान बड़ी मात्रा में अनियमितताएं सामने आई हैं. निरीक्षण के दौरान नियमन शाखा, स्टेट ग्रांट एक्ट शाखा और भूमि रूपांतरण शाखाओं की कुल 200 फाइलें गायब मिलीं, जिसका उपखंड अधिकारी ने प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी गई है. वहीं नागौर नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम विश्नोई का कहना है कि जिन पत्रावलियों को गुम होने और सर्च नोट जारी करने के बारे में उपखंड अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया. वे फाइलें कोई भी गायब नहीं हुई हैं.