नागौर.गायों के संरक्षण और देखभाल के लिए सरकार विशेष ध्यान दे रही है. जिले में 500 से ज्यादा पंजीकृत गोशालाएं संचालित हैं, लेकिन जिले के दूसरे छोर पर बसे मारोठ गांव की जनकल्याण गोपाल गोशाला में गाय-बछड़ों की सुविधा के लिए की गईं व्यवस्थाएं इस गोशाला को एक अलग कतार में लाकर खड़ा करती हैं. गोशाला की 700 से ज्यादा गायों और बछड़ों के लिए हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
गांव में चारागाह और गोचर की 500 बीघा पथरीली जमीन को पहले समतल किया गया और अब बारिश के मौसम में यहां चारा उगाया गया है. चारा इतनी मात्रा में उगाया गया है कि गोशाला की 700 गायों और बछड़ों के लिए साल भर तक कमी नहीं होने पाएगी. जहां चारे की खेती की जा रही है, वहां ट्यूबवेल भी लगवाया जा रहा है ताकि बारिश का मौसम खत्म होने के बाद भी चारा उगाया जा सके. इसके अलावा सूखे चारे की भी व्यवस्था भी गोशाला में की गई है. एक बड़ा गोदाम बनाकर उसमें पर्याप्त मात्रा में सुखा चारा भी रखा जाता है. हरे चारे की कटाई के लिए भी यहां मशीन लगाई गई है.
मारोठ गांव के प्रसिद्ध भैरव बाबा मंदिर के पास पहाड़ी की तलहटी में बनी इस गोशाला में गायों और बछड़ों की सुविधा के लिए जो संसाधन जुटाए गए हैं. उनके बारे में जानकर आपको आश्चर्य जरूर होगा. यहां गायों को चारे के साथ रोजाना दलिया भी खिलाया जाता है. दलिया तैयार करने का पूरा सामान भी यहां उपलब्ध है. यहां तक कि दलिया बनाने के लिए काम आने वाली वस्तुओं को पीसने के लिए तीन-तीन चक्कियां लगाई गई हैं. बड़े-बड़े कड़ाव भी हैं जिनमें एक साथ दलिया पकाया जाता है.
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पर्यावरण का भी रखा है ख्याल
मारोठ की यह गोशाला गो संवर्धन के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देती है. इस गोशाला की जमीन पर अलग-अलग जगहों पर करीब तीन हजार पौधे लगाए गए हैं. जिनमें से कई बड़े पेड़ का आकर लेने लगे हैं. यहां एक गार्डन भी तैयार किया जा रहा है. जिसमें छायादार के अलावा फूल और फलदार पेड़ भी लगाए गए हैं. पौधों को पानी देने के लिए बाकायदा बूंद-बूंद सिंचाई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, ताकि पानी व्यर्थ न बहे.
परिसर में मंदिर भी है स्थापित
गोशाला में भगवान भोलेनाथ, राधा-कृष्ण और रामदरबार का सुंदर मंदिर भी बना है. खास बात यह है कि ऊंचे प्लेटफार्म पर बने इस मंदिर के नीचे ही पानी की खेलियां बनाई गई हैं. जहां गायों और बछड़ों के लिए पानी पीने की व्यवस्था रहती है. इस जगह को घास-फूस की विशाल झोपड़ी बनाकर कवर किया गया है और यहीं पर गायों को चारा भी खिलाया जाता है. गोशाला परिसर में ही 21 फीट के प्लेटफार्म पर भगवान महावीर की 11 फीट की प्रतिमा स्थापित है. जिसकी प्राण प्रतिष्ठा पंच कल्याणक अभिषेक के साथ की गई है. इस गोशाला में गायों की देखभाल और सार संभाल के लिए 20 कर्मचारी कार्यरत है.