नागौर. 26 मार्च को देश की राजधानी दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति नागौर जिले के पर्यावरण प्रेमी और राजस्थान के ट्री- मैन हिम्मताराम भांभू को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. देश के सबसे बड़े पुरस्कारों में से एक पद्मश्री पुरस्कार की तारीखों का ऐलान हो गया है. राष्ट्रपति भवन में 26 मार्च को महामहिम राज्यपाल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री पुरस्कार इस साल 21 लोगों को दिया जाएगा. इसमें से चार राजस्थान के रहने वाले हैं. इनमें से एक नागौर जिले के पर्यावरण प्रेमी हिम्मताराम भांभू को 24 मार्च को दिल्ली बुलाया गया. जहां 26 मार्च को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा.
हिम्मताराम भांभू को सूखे रेगिस्तान में लाखों पेड़ लगाने का श्रेय जाता है. वह पशु पक्षियों के संरक्षण के कार्य को बढ़ावा देने के साथ ही सामाजिक बुराइयों की जड़ से समाप्त करने के लिए भी लगातार जुटे रहते हैं. नागौर जिले के सुखवासी गांव में 14 फरवरी 1956 को हिम्मताराम भांभू का जन्म हुआ था. हिम्मताराम भांभू ने 1975 में 19 साल की उम्र में अपनी दादी के कहने पर गांव सुखवासी में पीपल का पौधा रोपकर उसकी देखभाल की. जिसके बाद उनके मन में पर्यावरण संरक्षण और जीव रक्षा का बीज अंकुरित हुआ, उनके हाथ से लगा पीपल का पौधा आज विशाल पेड़ बन चुका है इसके साथ ही मन में फूटा पर्यावरण संरक्षण का बीज आज विशाल वर्ष बन चुका है उन्होंने अपनी खुद की जमीन पर 6 हेक्टर में 11,000 पौधे लगाकर हरिमा गांव के दौरों में वन पौधशाला भी तैयार की गई, जहां हजारों पक्षियों का बसेरा है. इसे पर्यावरण प्रशिक्षण केंद्र का नाम दिया गया है.
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छह हेक्टेयर जमीन पर लगाए 11 हजार पौधे