नागौर. राजस्थान में जिन निकायों में आयुक्त पद पर पात्र अधिकारी तैनात नहीं है वहां के अफसरों को पद से हटाए जाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद नागौर के नगर परिषद में भी बदलाव देखने को मिला है. स्वायत शासन विभाग ने आदेश जारी नागौर के आयुक्त पद पर नियुक्त मनीषा चौधरी को उनके मूल पद राजस्व निरीक्षक पर भेजने के साथ ही कुचामन ईओ पद पर तैनात श्रवण चौधरी को आयुक्त पद पर लगाया है.
नागौर नगर परिषद में किए गए बदलाव विभाग के आदेश के बाद शुक्रवार को नवनियुक्त नगर परिषद के आयुक्त श्रवण राम चौधरी ने नागौर नगर परिषद में विधिवत रूप से अपना कार्यभार ग्रहण किया. चौधरी इससे पहले भी नागौर नगर परिषद के आयुक्त पद पर रह चुके हैं. ऐसे में पदभार ग्रहण करने के साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय पार्षदों की ओर से श्रवण राम चौधरी का अभिनंदन किया गया.
पढ़ें-जिस दिन गुरुद्वारे और चर्च को चंदा दूंगा, उस दिन राम मंदिर को दूंगा- रॉबर्ट वाड्रा
श्रवण राम चौधरी ने मीडिया से कहा कि उनकी प्राथमिकता नागौर के सभी वार्डों में चौमुखी विकास को लेकर रहेगी. उन्होंने कहा कि शहर के विकास को लेकर सभी पार्षदों और सभापति के साथ मिलकर कार्य योजना बनाकर विकास कार्य करवाए जाएंगे. वहीं दूसरी ओर जिले में मुंडवा नगर पालिका में भी अफसर कुर्सी पर बैठे थे जो उस पद के योग्य नहीं है. अब स्वायत शासन विभाग ने अनिता बन्दा को लगाया गया है.
बता दें कि ऐसे अफसर कुर्सी पर बैठे हैं जो उस पद के योग्य नहीं थे. राजस्थान हाईकोर्ट ने 15 फरवरी को जारी अपने आदेश में निकायों में अपात्र अफसरों के कमिश्नर नहीं लगाने की बात कही है. न्यायाधीश दिनेश मेहता ने याचिकाकर्ता श्रवणराम और अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद कहा कि किसी विशेष परिस्थिति में आयुक्त से इतर किसी व्यक्ति को कार्यभार देने की अपरिहार्यता हो, तो ये अवधि 15 दिन से अधिक की नहीं होगी.
हाईकोर्ट में भिवाड़ी, भीलवाड़ा, नागौर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सरोही, रानी, जालोर, सांचोर और बाड़मेर के शहरी निकायों में ऐसे ही व्यक्ति के आयुक्त पद पर काबिज होने की बात कही गई. इस आदेश के बाद राजस्थान नगर पालिका सेवा (प्रशासनिक एवं तकनीकी) नियम-1963 के अनुसार आयुक्त के रुप में परिभाषित योग्यताधारी को ही इस पद पर नियुक्ति के आदेश होंगे.