नागौर.जिले में अधिवक्ता संघ के इतिहास में पहली बार जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव को लेकर अलग-अलग पदों पर संघ के सदस्यों ने नामांकन दाखिल किए, जिसमें 1942 में गठित हुए संघ के गठन के 76 साल तक निर्विरोध पदाधिकारी चुने जाते रहे हैं, लेकिन इस बार अध्यक्ष पद के लिए चतुकोणीय और उपाध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबला मनाना जा रहा है.
नागौर अधिवक्ता संघ के चुनाव 13 जनवरी को बता दें कि संयुक्त सचिव पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबला होने के साथ महासचिव पद के लिए आमने-सामने की टक्कर होने जा रही है, इसी के साथ पुस्तकालय सचिव के पद की दौड़ में तीन उम्मीदवार आने से त्रिकोणीय देखने को मिल रहा है. वहीं अगर बात इतिहास की करें तो साल 1942 में नागौर अधिवक्ता संघ के गठन के बाद 1943 में पहली बार अध्यक्ष के रूप में जोरावल मल मेहता निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे और उसके बाद निर्विरोध अध्यक्ष की प्रक्रिया लगातार चल रही थी.
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वहीं जोरावल मल मेहता के बाद रामकृष्ण कला, दामोदर दास आचार्य, बंसीलाल सारस्वत ,गंगा सिंह कालवी अध्यक्ष पद पर सीनियर अधिवक्ता के तौर पर सर्वसम्मति से निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. इसी प्रकार 2018 में भंवर सिंह गोदारा और बीते साल 2019 में गंभीर सिंह राठौड़ सीनियर अधिवक्ता होने पर सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए थे.
इस बार के चुनाव की बात करें तो नागौर जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए अर्जुनराम, घनश्याम फिरोदा, नरेंद्र सारस्वत,राजेंद्र सिंह राठौड़ ने नामांकन पेश किया है, उपाध्यक्ष पद के लिए महावीर विश्नोई ,पवन श्रीमाली ,ओम प्रकाश ने और महासचिव पद के लिए कालूराम सांखला, हरिप्रसाद और हरिराम ने नामांकन दाखिल किया, हालांकि कोषाध्यक्ष पद के लिए अजीत कुमार निर्विरोध निर्वाचित हुए ,लेकिन पुस्तकालय सचिव महेंद्र सिंह और सुनील कुमार ,मामराज ने अपना नामांकन पेश कर दिया.
निर्वाचन अधिकारी धर्माराम खुड़खुड़ियां ने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच के बाद प्रकाशन सूची चस्पा की जाएगी, वहीं 13 जनवरी को मतदान होगा और मतदान के बाद मतगणना होगी, जिसकी तैयारियां की जा रही है. नागौर अधिवक्ता संघ के चुनाव को लेकर खेमेबाजी देखने को मिल रही है. उम्मीदवारों वोटर को लुभाने की कोशिश में लगे हुए और माहौल पूरी तरह से चुनावी नजर आ रहा है.