नागौर. कोरोना महामारी की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. जिले में तमाम इंतजाम के बावजूद अब गांवों में कोरोना पॉजिटिव मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उससे साफ है कि हालात नियंत्रण में नहीं हैं. कोरोना की प्रथम लहर में राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के मॉडल की काफी प्रशंसा हुई थी. वैसे ही अब नागौर के गांवों में कोरोना को हराने के लिए जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी की पहल पर सोमवार से 'मेरा गांव, मेरी जिम्मेदारी' अभियान शुरू किया जा रहा है.
नागौर में सोमवार से शुरू होगा मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी अभियान जिला परिषद के CEO और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन की इस मुहिम के तहत पुलिस और प्रशासन की ओर से गांव-गांव, ढाणी-ढाणी जाकर लोगों को जागृत करने का कार्य किया जाएगा. इसके साथ ही जन प्रतिनिधियों और ग्रामीणों को इस मुहिम से जोड़कर कोरोना को मात देने का प्रयास किया जाएगा.
जिला परिषद के CEO और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि गांव में आने वाले प्रत्येक बाहरी व्यक्ति की सूचना ग्राम पंचायत कंट्रोल रूम में देंगे. उन्हें क्वारेंटाइन करवाएं और गांव के सभी मार्गों में नाके लगवाकर हर आने जाने वाले की दिन-रात निगरानी रखवाए. ग्राम पंचायत स्तर पर सभी होम क्वारेंटाइन लोगों और संस्थागत क्वारेंटाइन लोगों का पूरा डाटा रखा जाए उनके रहने की समुचित व्यवस्था और भोजन की भी (खुद के घर से नहीं होने की स्थिति में) दानदाताओं से करवाई जाए. आमजन को प्रोनिंग और डोर टू डोर सर्वे सहित अन्य सभी जरुरी बातों के लिए जागरूक किया जाएगा.
पढ़ें-Fuel Price: पेट्रोल 26 पैसे और डीजल 29 पैसे हुआ महंगा
अभियान में प्रशासनिक टीम के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों और ग्रामीण युवाओं की टीम को स्वेच्छा से गांवों में कोरोना मैनेजमेंट की जिम्मेदारियां दी जाएगी. इसमें ये टीम गांव में डोर-टू-डोर सर्वे, मेडिकल किट वितरण करना, बीमार व्यक्तियों को चिन्हित कर समय पर इलाज शुरू करवाना, लापरवाह लोगों को क्वारैंटाइन सेंटर भिजवाना,लॉकडाउन की पालना करवाना, असक्षम लोगों तक राशन पहुंचाना व वैक्सीनेशन और कोरोना जांचों को लेकर जागरूकता लाने के काम करेगी.