नागौर.जिले के सथेरण गांव के कई किसान फसल बीमा योजना के तहत मिलने वाले मुआवजे का करीब दो साल से इंतजार कर रहे थे. उन्हें अब जाकर इस चिंता से मुक्ति मिली है.
दरअसल, सथेरण गांव के करीब एक हजार किसानों को फसल बीमा योजना के तहत करीब चार करोड़ रुपए का मुआवजा मिला है. जिसका वे दो साल से इंतजार कर रहे थे. बताया जा रहा है कि फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करते समय रही छोटी-छोटी त्रुटियों के चलते इन किसानों का 2018 और 2019 का मुआवजा अटका हुआ था. अब इन किसानों को मुआवजा राशि मिली है.
एक हजार से ज्यादा किसानों को मिली फसल बीमा की राशि वहीं, कृषि विभाग के अधिकारी ऐसे किसानों को भी चिह्नित कर रहे हैं, जिन्होंने 2018 या 2019 में फसल बीमा योजना में पंजीयन करवाया था, लेकिन बीमा योजना के तहत मिलने वाले मुआवजे का फायदा उन्हें नहीं मिल पाया है.
कृषि विभाग के उपनिदेशक हरजीराम चौधरी ने बताया कि सथेरण गांव के किसानों ने खरीफ 2018 और खरीफ 2019 में फसलों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाया था. फसलों को नुकसान होने के बावजूद बीमा कंपनियों ने कई किसानों का भुगतान रोक रखा था. इस सिलसिले में किसानों ने कई बार कृषि विभाग और जिला प्रशासन को अपनी पीड़ा बताई थी.
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जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने खरीफ 2018 की फसल के लिए जिले की अधिकृत बीमा कंपनी टाटा एआईजी के प्रतिनिधियों से बातचीत की और 237 किसानों को 38 लाख 52 हजार 564 रुपए का मुआवजा दिलवाया. इसी तरह खरीफ 2019 के लिए जिले की अधिकृत बीमा कंपनी एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधियों से बातचीत कर 807 किसानों को 3 करोड़ 51 लाख 99 हजार 213 रुपए का भुगतान करवाया है.
कृषि विभाग के उपनिदेशक चौधरी ने बताया कि कुल मिलाकर 1 हजार 44 किसानों को बीमा योजना का मुआवजा मिला है. फसल बीमा योजना के तहत जारी मुअवजे की यह राशि सीधे किसानों के खाते में जमा करवाई गई है.