नागौर.कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर नागौर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. ऐसे में लॉक डाउन के दौरान नागौर में आए दूसरे जिलों और राज्यों के लोगों को जिले की सीमा और नाकों पर रोककर सीमावर्ती क्षेत्र के राजकीय भवनों में एक हजार से करीब लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है.
कोरोना को लेकर 19 लोगों की रिपोर्ट आई Negative नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने पत्रकार वार्ता में बताया कि नागौर जिला प्रशासन 'अतिथि देवो भव:' की भावना के साथ पेश आ रहा है. नागौर जिले में दूसरे क्षेत्रों के मूल निवासी को ठहराने की विशेष व्यवस्था की गई है. अब न तो कोई भी जिले की सीमा में प्रवेश कर पाएगा. न ही यहां से बाहर जाने का प्रयास कर पाएगा. क्योंकि नागौर पुलिस की विशेष 16 स्थानों पर चौकसी बढ़ा दी गई है.
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नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि कोई भी फैक्ट्री मालिक अपनी लेबर को बाहर नहीं निकाल पाएगा. उक्त अवधि में संबंधित फैक्ट्री मालिक को अपनी लेबर को इस आपदा के दौरान 1 माह का वेतन भी देने के निर्देश दे दिए गए. सरकार के आदेश की पालना नहीं करने पर फैक्ट्री मालिक के विरुद्ध डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर विकास अधिकारी और अधिशासी अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिव कुमार कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि नागौर जिले में एक भी कोरोना का मरीज नहीं पाया गया. भीलवाड़ा से आया चिकित्साकर्मी सहित अब तक 19 मरीजों के सैंपल लिए गए थे, जिसमें से जांच के बाद सभी कोरोना निगेटिव पाए गए. नागौर में कोरोना वायरस से आए अब तक 902 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है.
जबकि राजकीय चिकित्सालय में बने आइसोलेशन वार्ड में 18 लोग भर्ती हैं. अन्य राज्यों से आए स्थानीय नागरिक 6 हजार 139 को होम आइसोलेशन में रखा गया है. साथ ही 22 लोगों को राजकीय चिकित्सालय में बने आइसोलेशन वार्ड मे रखा गया है. नागौर में 6 हजार 241 क्वारेंटाइन बेड की व्यवस्था की गई है. कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को भामाशाहों ने 5 लाख की सहायता राशि का चेक भी दिया गया.