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सोच को सलाम: जिस स्कूल में क्वॉरेंटाइन थे युवक, रंगाई-पुताई कर वहां की तस्वीर बदल दी - क्वॉरेंटाइन युवक

समय का सदुपयोग और मेहनत के दम पर इंसान न केवल विकट हालात में भी कठिन रास्ता पार कर सकता है. बल्कि वह दूसरे लोगों के लिए मिसाल भी बन सकता है. इस बात को सही साबित किया है नागौर जिले के भीडासरी गांव की सरकारी स्कूल में क्वारेंटाइन इसी गांव के पांच युवकों ने. इन्होंने कई साल से साफ-सफाई और रंग-रोगन नहीं होने से बदहाल इस स्कूल भवन की तस्वीर बदल दी.

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बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर

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Published : Apr 27, 2020, 5:38 PM IST

नागौर.महामारी कोविड- 19 के खौफ के बीच पूरा देश लॉकडाउन का सामना कर रहा है. अधिकतर लोग अपने घरों में रहकर टाइम पास करने का बहाना ढूंढते फिरते हैं. वहीं, क्वारेंटाइन किए गए लोग भी मायूसी के बीच दिन काटते रहते हैं. लेकिन इस विकट हालात में भी मेहनत और रचनात्मकता के दम पर हम न केवल इस समय का सदुपयोग कर सकते हैं. बल्कि दूसरों के लिए कुछ ऐसा काम भी कर सकते हैं, जिसे वे जीवन भर याद रखेंगे.

बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर

नागौर के भीडासरी गांव की स्कूल की ताजा तस्वीरें. इस स्कूल में क्वारेंटाइन गांव के पांच युवकों की मेहनत की कहानी बयां कर रही हैं और आने वाले कई साल तक लोगों को इनकी मेहनत की याद दिलाती रहेंगी.

गांव के पांच युवकों के मेहनत

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दरअसल, गांव के ही पांच युवक हरदेवा राम, छोटूदास, दुर्गादत्त, सतीश और सुरेंद्र को लॉकडाउन के बीच दूसरे प्रदेशों से आने के कारण गांव की सरकारी स्कूल में क्वारेंटाइन किया गया था. स्कूल की बदहाल हालात देखकर इनके मन में आया कि क्यों न इस तस्वीर को बदला जाए. उन्होंने गांव के अन्य लोगों और स्कूल स्टॉफ से बात की तो ग्रामीणों ने रंग-रोगन का सामान मंगवा दिया.

रंग-रोगन कर बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर

इसके बाद ये पांचों युवा जुट गए अपनी मेहनत के दम पर इस स्कूल की तस्वीर बदलने में. उनके इस प्रयास में गांव के अन्य युवकों ने भी साथ दिया तो साफ-सफाई से लेकर स्कूल भवन के रंग-रोगन का काम पूरा हो गया. पिछले कई सालों से साफ-सफाई और रंग-रोगन का काम नहीं होने के कारण बदहाल सा दिखने वाला स्कूल का यह भवन अब गांव के इन युवाओं की मेहनत और समय के सदुपयोग की कहानी बता रहा है.

स्कूल में क्वॉरेंटाइन युवकों की मेहनत रंग लाई

भीडासरी गांव के सरकारी स्कूल की बदली हुई तस्वीर आज हर किसी को यह संदेश दे रही है कि समय का सदुपयोग और मेहनत विकट समय पर जीत हासिल करने में सहायक साबित होती है. साथ ही इंसान बुरे से बुरे हालात में भी कुछ ऐसा काम कर सकता है. जो दूसरे लोगों को भी नई राह दिखाए.

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