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नागौर: मनरेगा कार्यों के लिए सरकार से मिली मंजूरी, 31 हजार 404 श्रमिकों को मिलेगा फायदा

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Published : May 4, 2020, 12:56 PM IST

मॉडिफाइड लॉकडाउन के बाद से शुरू हुए मनरेगा कार्यों में नागौर के ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को बड़ी राहत मिली है. सरकार के आदेशों के बाद नागौर में मनरेगा कार्यों को मंजूरी मिली है, जिसके बाद अब तक 31 हजार 404 श्रमिकों को 451 ग्राम पंचायतों पर योजना से लाभ दिया गया है.

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31 हजार 404 श्रमिकों को मिलेगा फायदा

नागौर.गहलोत सरकार के आदेशों के बाद नागौर में मनरेगा के कार्यों को मंजूरी मिली है. नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि जिले में अब तक 31 हजार 504 से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है. हालांकि 3 हजार 509 कार्यस्थलों पर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क लगाकर कार्य करने के आदेश दिए गए हैं.

31 हजार 404 श्रमिकों को मिलेगा फायदा

कोरोना वायरस महामारी के बाद से ही देश और प्रदेश में काम धंधे तक ठप हो चुके हैं. लॉकडाउन के कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है, जबकि नागौर में ज्यादातर मजदूर वर्ग से हैं. जो मनरेगा के तहत होने वाले काम से अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम कर सकेंगे. पिछले दिनों राज्य सरकार ने मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू कर दिया है. इसी के साथ सरकार ने प्रदेश में मनरेगा के कार्यों की शुरूआत करने की अनुमति दे दी है.

जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि, सरकार के आदेशों के तहत जिले के मजदूर वर्ग को जरूरत के अनुसार काम मुहैया कराने के लिए मनरेगा के 3 हजार 509 कार्य शुरू कर दिए गए हैं. मनरेगा के कार्य के लिए कार्य देश के साथ ही काम करने वाले 451 ग्राम पंचायतों के 31 हजार 504 मजदूरों के नाम की सूची भी जारी कर दी है.

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वहीं जिला परिषद के सीईओ जवाहर चौधरी ने बताया कि, जिले में 1 लाख श्रमिकों को नियोजित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिला परिषद के अधिकारियों की बैठक लेकर उसके मुकाबले 1 सप्ताह में 31 हजार से भी ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है. जरूरत के अनुसार अलग-अलग कार्यों की स्वीकृति जारी कर दी गई है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा से जोड़ा जा सके. साथ ही नागौर जिले की सभी ग्राम पंचायतों में गरीब तबके और जरूरतमंदों को 39 हजार खाद्य पैकेट के वितरण किए जा चुके हैं.

कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि, मनरेगा कार्य स्थलों पर श्रमिकों के बीच सोशल डिस्ट्रिक्ट का पालन करवाने के लिए ग्राम सेवक को पाबंद किया गया है. मनरेगा के कार्य शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिली है. पिछले 1 महीने में रोजगार नहीं होने से लोग आर्थिक तंगी झेल रहे थे. लेकिन अब मनरेगा कार्य से श्रमिकों को सरकार ने रोजगार से जोड़ा है. मनरेगा कार्यों को लेकर महिलाओं की संख्या ज्यादा देखने को मिल रही है.

इन-इन जगहों पर कार्य करवाने की मिली है मंजूरी...

  • नागौर के डेगाना पंचायत समिति के 37 ग्राम पंचायतों में 2317 लेबर को 139 कार्य की मंजूर मिली है.
  • डीडवाना की 32 ग्राम पंचायतों को 1574 लेबर को 103 कार्य की मंजूर मिली है.
  • जायल पंचायत समिति की 38 ग्राम पंचायतों में 3438 लेबर को 415 कार्य की मंजूर मिली है,
  • खींवसर पंचायत समिति की 33 ग्राम पंचायतों में 1844 लेबर को 414 कार्य की मंजूर मिली है.
  • लाडनूं पंचायत समिति की 32 ग्राम पंचायतों को 1086 लेबर को 83 कार्य की मंजूर मिली है.
  • कुचामन पंचायत समिति की 31 ग्राम पंचायतों को 2139 लेबर को 84 कार्य की मंजूर मिली है.
  • मकराना पंचायत समिति की 35 ग्राम पंचायतों को 2575 लेबर को 291 कार्य.
  • मेड़ता पंचायत समिति की 38 ग्राम पंचायतों में 2408 लेबर को 278 कार्य की मंजूर मिली है.
  • मौलासर पंचायत समिति की 27 ग्राम पंचायतों में 1859 लेबर को 330 कार्य
  • मूंडवा पंचायत समिति की 21 ग्राम पंचायत 3128 को 272 मनरेगा के कार्य की मंजूर मिली है.
  • नागौर पंचायत समिति की 32 ग्राम पंचायतों को 3128 लेबर को 272 मनरेगा कार्य की मंजूरी मिली है.
  • नावां पंचायत समिति की 24 ग्राम पंचायतों को 2279 लेबर को 100 कार्य की मंजूरी.
  • परबतसर पंचायत समिति की 36 ग्राम पंचायतों के 2947 श्रमिकों को 488 मनरेगा के कार्य स्वीकृत किए हैं.
  • रिया बड़ी इलाके की 35 ग्राम पंचायतों के 2947 श्रमिकों के लिए 488 कार्य को नागौर जिला परिषद ने मंजूरी दे दी हैं.

बता दें कि जिले में सबसे ज्यादा जायल पंचायत समिति में मनरेगा श्रमिकों को काम मिला है. वहीं रिया बड़ी इलाके में सबसे ज्यादा निर्माण कार्यों को मंजूरी मिली हैं.

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