नागौर. जिले की 14 तहसीलो में समस्त जमाबंदी का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है. इस कवायद के बाद जल्द ही केवल खसरा नंबर बताने पर खतौनी व और अन्य जमीनी दस्तावेज को तत्काल उपलब्ध करवा दिया जाएगा. जिले के डिजिटाइजेशन प्रोग्राम के तहत कई उपखंड मुख्यालय पर काम पूरा हो चुका है. सिर्फ नागौर, डीडवाना मकराना और खींवसर के कार्य प्रगति पर है.
अब एक क्लिक पर ऑनलाइन मिल सकेंगे जमीनों के दस्तावेज, लैंड रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन का काम कई जगह पूरा - Digital India Land Records Modification Program
नागौर जिले के किसानों और आम लोगों को अब नक्शा, तरमीम जमाबंदी या अन्य दस्तावेजों की नकल के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. क्योंकि समस्त जमाबंदी का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है...
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नागौर में तो डिजिटाइजेशन का काम अंतिम दौर में और जल्दी पूरा होने की उम्मीद है. जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि अन्य पंचायतों का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है, जो डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के तहत पिछले एक साल से चल रहा है, ताकि समय-समय पर होने वाले बदलाव को तुरंत अपडेट किया जा सके. सभी डाटा को ई धरती सॉफ्टवेयर एक निजी कंपनी के जरिए अपलोड किया जाएगा.
जिला कलक्टर ने बताया कि डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम से आमजन और किसानों को फायदा होगा. किसानों को कृषि भूमि पर ऋण में भी आसानी से मिल पाएगा. जिले के 1634 राजस्व गांवों में यह काम चल रहा है. इसके बाद आगामी चरण में शहरों और आबादी क्षेत्र से जुड़े जमीनों के नक्शे भी ऑनलाइन किए जाएंगे. जिसके बाद आमजन को पटवारी के पास चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. कलक्टर ने बताया जून महीने तक जिले के सभी तहसीलों का काम पूरा हो जाएगा. राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से किसानों को जमाबंदी गिरदावरी नक्शा एक क्लिक पर आसानी से उपलब्ध हो पाएगी.