राजस्थान

rajasthan

नागौर: देव प्रबोधिनी एकादशी पर भगवान बंशीवाला के एकादश स्वरूप में दर्शन, रातभर हुआ आयोजन

By

Published : Nov 26, 2020, 3:40 PM IST

कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी देव प्रबोधिनी एकादशी के रूप में मनाई गई. चार महीने के अंतराल के बाद एक बार फिर मांगलिक कार्यक्रम शुरू हुए हैं. देव प्रबोधिनी एकादशी के मौके पर नागौर के आराध्य भगवान बंशीवाला मंदिर में खास आयोजन हुआ.

Dev Prabodhini Ekadashi, nagaur news, नागौर न्यूज
कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी देव प्रबोधिनी एकादशी के रूप में मनाई गई.

नागौर.कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी देव प्रबोधिनी एकादशी के रूप में मनाई गई. चार महीने के अंतराल के बाद एक बार फिर मांगलिक कार्यक्रम शुरू हुए हैं. देव प्रबोधिनी एकादशी के मौके पर नागौर के आराध्य भगवान बंशीवाला मंदिर में खास आयोजन हुआ. रात्रि में भगवान का विशेष शृंगार किया गया. भगवान की 11 अलग-अलग स्वरूपों में झांकियां भी सजाई गई. यह आयोजन सुबह तक जारी रहा. मंदिर के पुजारियों ने बताया कि हर साल देव प्रबोधिनी एकादशी पर यह आयोजन होता है.

नागौर के आराध्य भगवान बंशीवाला मंदिर में खास आयोजन हुआ.

उन्होंने बताया कि सबसे पहले भगवान की बाल स्वरूप में झांकी सजाई गई और प्रतिमा को श्वेत वस्त्र धारण करवाए गए. इसके बाद पंचामृत अभिषेक झांकी सजाई गई और भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया. तीसरी झांकी में भगवान को लाल रंग की पोशाक धारण करवाकर पीले पुष्पों से श्रृंगार किया गया. फिर गुलाबी पोषक धारण करवाकर नारंगी रंग के पुष्प की माला पहनाई गई. इसके बाद श्वेत वस्त्र धारण करवाकर श्वेत पुष्पों से भगवान की प्रतिमा का श्रृंगार किया गया.

यह भी पढ़ें:कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों में जुटी राजस्थान सरकार, इन्हें लगाया जाएगा सबसे पहले टीका

छठी झांकी में हरे रंग की पोशाक धारण करवाई गई और पीले पुष्पों से प्रतिमा का श्रृंगार किया गया. सातवीं झांकी में सफेद कपड़े पर नीले और लाल रंग के फूलों वाली पोषक धारण करवाई गई और मोरपंख से भगवान का श्रृंगार किया गया. आठवीं झांकी में भगवान को रास रचाते हुए दिखाया गया. इसके बाद मोहिनी रूप में भगवान का श्रृंगार किया गया. 10वीं झांकी में गरुड़ पर और ग्यारहवीं झांकी में शेषनाग की छाया में भगवान को विराजमान किया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details