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नागौर में पेयजल की समस्या को लेकर पार्षदों का हल्ला बोल - नागौर में पेयजल की समस्या पर पार्षद

नागौर में पेयजल की समस्या घीरे-घीरे गहराने लगा है. जहां पार्षदों की ओर से बाद जिला प्रशासन और नगर परिषद के पार्षदों के बीच चार दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन हर बार बैठक का नतीजा सिफर ही आया है.

नागौर में पेयजल की समस्या, Drinking water problem in Nagaur
नागौर में पेयजल की समस्या

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Published : Apr 7, 2021, 10:42 PM IST

नागौर. नगर परिषद के कंधों पर शहरी क्षेत्र में पेयजल सप्लाई का जिम्मा आने के बाद, कई दावे किए गए थे, लेकिन नगर परिषद की ओर से की जा रही सप्लाई व्यवस्था में कई खामियां सामने आने के बाद हाल ही में गठित नए बोर्ड के निर्वाचित पार्षदों के लिए वार्ड मे पेयजल व्यवस्था जी का जंजाल बन गई है.

नागौर में पेयजल की समस्या

जहां नागौर शहर में आए दिन कई वार्ड में पेयजल संकट के चलते पार्षद कई बार विरोध जताने के बाद जिला प्रशासन और नगर परिषद के पार्षदों के बीच चार दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन हर बार बैठक का नतीजा सिफर ही आया है. नागौर नगर परिषद के हाथ में पेयजल सप्लाई का जिम्मा आने के बाद बड़े-बड़े दावे किए गए थे. कहा गया था कि जलदाय विभाग से बेहतर तरीके से आमजन को फायदा पहुंचाने वाला काम किया जाएगा, पर हकीकत में ये दावे फेल साबित हुए है. नए बोर्ड के लिए ये व्यवस्था अब जी का जंजाल बन गई है.

पेयजल वितरण कराने वाली टीम के सामने शहर के 60 वार्ड में से ज्यादातर में बार-बार लीकेज, अमृत योजना के तहत वार्ड में पाइपलाइन बिछाने का कार्य समय पर करवाने जैसी चुनौतियां सामने आ रही है. नागौर नगर परिषद की तरफ से जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन अमृत योजना के तहत पेयजल सिस्टम को लेकर पार्षद सवाल उठा रहे है.

बता दें कि शहर में जलापूर्ति की व्यवस्था नागौर नगर परिषद के पास है, लेकिन परिषद से ये व्यवस्था, संभल नहीं रही, रख-रखाव पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा. इससे शहर के कई हिस्सों में लीकेज की समस्या बड़े स्तर पर सामने आई है. जलापूर्ति के दौरान काफी पानी इन लीकेज के जरिए ही व्यर्थ बह जाता है.

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गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 74वें संविधान संशोधन की 12वीं अनुसूची में प्रदेश में नागौर समेत कई निकाय क्षेत्रों में पेयजल वितरण व्यवस्था का कार्य नगर पालिका और नगर परिषद को दिया था. इसके तहत 31 जनवरी 2013 को शहरी जलप्रदाय योजना पर कार्यरत नियमित कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर नागारै नगर परिषद में लगाते हुए जलापूर्ति व्यवस्था हस्तांतरित की थी. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग परियोजना वृत्त (नहरी विभाग) की ओर से शहर में आवश्यकता से लाखों लीटर पानी अधिक दिया जा रहा है. इसके बावजूद शहरी जलापूर्ति परियोजना के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही और मिस मैनेजमेंट के कारण शहर में पेयजल संकट गहराने लगा है.

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